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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को सरकार से अपील करते हुए कहा कि NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) और JEE (ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम) को पोस्टपोन करने वालों की मांग पर ध्यान देना चाहिए.
बता दें NEET और JEE की परीक्षाएं सितंबर में होनी हैं. इन परीक्षाओं को कराए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं को भी सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है, कोर्ट ने कहा कि परीक्षाओं को करवाने का फैसला सरकार ही कर सकती है.
बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इन परीक्षाओं को पोस्टपोन कराने को लेकर प्रधानमंत्री को खत लिखा है. उन्होंने खत में लिखा कि अगर दीपावली से पहले यह परीक्षाएं करवाई गईं, तो कई युवा आत्महत्या कर सकते हैं.
स्वामी ने यह भी कहा कि प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं को करवाने के लिए देश के हर हिस्से में इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है और इस तरह की सुविधाएं फिलहाल छात्रों को हासिल नहीं हैं. स्वामी ने खत में लिखा, "उदाहरण के लिए बॉम्बे जैसे शहर में जहां सार्वजनिक यातायात चालू नहीं है और लोगों को आसपास के इलाकों से कई बार 20 किलोमीटर और 30 किलोमीटर दूर से आना पड़ता है."
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से JEE-NEET परीक्षाएं रद्द करने का अनुरोध किया है. उन्होंने 22 अगस्त को ट्वीट कर कहा, ''JEE-NEET की परीक्षा के नाम पर लाखों छात्रों की जिंदगी से खेल रही है केंद्र सरकार.
मेरी केंद्र से विनती है कि (वो) पूरे देश में ये दोनों परीक्षाएं तुरंत रद्द करे और इस साल एडमिशन की वैकल्पिक व्यवस्था करे. अभूतपूर्व संकट के इस समय में अभूतपूर्व कदम से ही समाधान निकलेगा.''
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