कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को लेटर लिखकर पार्टी में बड़े बदलाव करने की मांग की है. इन बदलाओं के तहत ऊपर से नीचे तक परिवर्तन की मांग की गई है. लेटर लिखने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कई सासंद शामिल हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह लेटर 15 दिन पहले लिखा गया था. लेटर में 'पूर्णकालीन' और एक प्रभावी नेतृत्व की मांग की गई है, जो जमीन पर "सक्रिय और दिखाई" दे.
बता दें सोनिया गांधी ने 2019 चुनावों में हार के चलते राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से हटने के बाद अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर कमान संभाली थी.
एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, लेटर में इस बात को माना गया है कि कांग्रेस अब युवाओं का विश्वास खो रही है और युवाओं ने नरेंद्र मोदी को बड़े पैमाने पर वोट दिया.
ताकत के विकेंद्रीकरण (डिसेंट्रलाइजेशन) की मांग
देश के सियासी हालातों की तरफ इशारा करते हुए लेटर में ऊपरी नेतृत्व ने कहा कि लोकतंत्र के लिए पार्टी में सुधार होना बहुत जरूरी है. पार्टी उस दौर में यह स्थितियां झेल रही है, जब देश सबसे भयावह सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक समस्याओं से जूझ रहा है.
आगे लेटर में महामारी के चलते होने वाली समस्याओं, भारत-चीन बॉर्डर स्टैंडऑफ, "बीजेपी के सांप्रदायिक और विभाजनकारी एजेंडे", आर्थिक मंदी और बेरोजगारी का जिक्र है.
इसके बाद पार्टी के ढांचे में बदलाव की मांग की गई है, जिसके तहत ताकत के विकेंद्रीकरण, राज्य ईकाईयों को मजबूत करने की मांग और एक केंद्रीय संसदीय बोर्ड के साथ हर स्तर पर कांग्रेस संगठन में चुनाव करवाए जाने की अपील की गई है.
लेटर में लिखा गया है कि नेतृत्व के ऊपर जारी अनिश्चित्ता के चलते पार्टी के कार्यकर्ताओं का जोश ठंडा पड़ गया है, जिससे पार्टी कमजोर हुई है.
'CWC पार्टी का नेतृत्व नहीं कर रही है'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिखे इस लेटर में कहा गया कि मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रमों को देखते हुए भी कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की नियमित बैठकें नहीं हो रही हैं. CWC, BJP के खिलाफ जनता के मत को मोबलाइज करने में नाकामयाब रही है.
नेताओं ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों के बाद अपनी हार पर विचार नहीं किया. लेटर के जरिए यह अपील भी की गई कि CWC के सदस्यों को चुनने के लिए सभी स्तरों पर पार्टी में चुनाव होने चाहिए.
लेटर में प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को लेकर भी टिप्पणी की गई. कहा गया कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों के पास पर्याप्त ताकत नहीं है.
रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों ने इस लेटर पर हस्ताक्षर किए हैं, उनमें गुलाम नबी आजाद, कपिल सिबल, शशि थरूर, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा जैसे लोग शामिल हैं.
NDTV में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार, 24 अगस्त को CWC की एक बैठक होनी है, जहां लेटर में उठाए गए मुद्दों पर बात होगी.
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