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अमेठी आना घर जैसा लगता है, इसे कभी नहीं छोड़ूंगा: राहुल

अमेठी पहुंचे राहुल गांधी ने कहा कि अमेठी उनका घर-परिवार है और वो इसे कभी नहीं छोड़ेंगे.

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अमेठी आना घर जैसा लगता है, इसे कभी नहीं छोड़ूंगा: राहुल
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अमेठी आना घर जैसा लगता है, इसे कभी नहीं छोड़ूंगा: राहुल
(फोटो: राहुल गांधी/ट्विटर)

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अमेठी पहुंचे राहुल गांधी ने कहा कि अमेठी उनका घर-परिवार है और वो इसे कभी नहीं छोड़ेंगे. अमेठी लोकसभा सीट से हाल में मिली हार के बाद पहली बार यहां पहुंचे राहुल ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि अमेठी उनका घर है और वह इसका दामन कभी नहीं छोड़ेंगे. बैठक में शामिल युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नदीम अशरफ जायसी के मुताबिक राहुल ने कहा, ''अमेठी मेरा घर-परिवार है. मैं अमेठी नहीं छोडूंगा. मैं और (कांग्रेस महासचिव) प्रियंका गांधी यहां आते रहेंगे.''

बकौल जायसी, राहुल ने कहा, ''अमेठी का विकास बाधित नहीं होने दिया जाएगा. मैं वायनाड का सांसद हूं मगर अमेठी से हमारा तीन पीढ़ियों का रिश्ता है. मैं अमेठी की लड़ाई दिल्ली में लड़ता रहूंगा.''

नेता जनता से दूर रहे, इसी वजह से हार हुई

बैठक में शामिल रहे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य डॉक्टर नरेंद्र मिश्र के मुताबिक राहुल ने बैठक में कहा,

लोकसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं ने काम किया पर स्थानीय नेता जनता से दूर रहे., इसी वजह से यहां उनकी हार हुई. बहरहाल, चुनाव में हार और जीत होती रहती है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है. आप लोग जनता से जुड़ें, सब ठीक हो जायेगा.

मिश्र के मुताबिक राहुल ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ गहन मंथन किया और कार्यकर्ताओं की बातें बेहद संजीदगी से सुनीं.

उन्होंने बताया कि कांग्रेस के जिला स्तर से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं ने अपनी बात राहुल के सामने रखी. अधिकतर कार्यकर्ताओ ने संगठन की कमजोरी और प्रशासन के धांधली कराये जाने का आरोप लगाया. कई नेताओं ने कांग्रेस सेवादल, युवक कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई सहित कांग्रेस के दूसरे संगठनों की घोर उपेक्षा को भी हार का बड़ा कारण बताया.

मिश्र के मुताबिक, ‘‘कुछ कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि यहां कांग्रेस संगठन कुछ लोगों तक सीमित हो गया और पूरे जिले में कांग्रेस को कमजोर कर दिया गया है. चुनाव में रणनीति के अभाव में पार्टी का प्रचार नहीं हुआ. कई कार्यकर्ताओं ने पार्टी के स्थानीय नेताओं पर बीजेपी से मिलीभगत की शिकायत भी की.’’

कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में राहुल से अपना त्यागपत्र वापस लेने की गुजारिश की.

राहुल की इस समीक्षा बैठक में जिला कांग्रेस कमेटी, कांग्रेस के सभी अनुषंगिक संगठनों के पदाधिकारी, पार्टी की सभी ब्लॉक और बूथ इकाइयों के पदाधिकारी भी शामिल थे.

करीब 3 घंटे तक चली बैठक

करीब तीन घंटे चलने वाली बैठक को महज 50 मिनट में खत्म करने के बाद राहुल रायबरेली जिले के छतोह ब्लॉक स्थित दो गांवों का दौरा करने के लिये रवाना हो गये, जहां से वह दिल्ली जाने के लिये लखनऊ रवाना होंगे.

इसके पहले, राहुल कांग्रेस की तिलोई विधानसभा इकाई के प्रभारी माता प्रसाद वैश्य के मामा और गौरीगंज के वयोवृद्ध समाजसेवी गंगा प्रसाद गुप्त के घर शोक जताने पहुंचे थे. गुप्त का 25 जून को निधन हो गया था.

वायनाड से सांसद है राहुल गांधी

राहुल ने हाल में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव में अमेठी के साथ—साथ केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ा था, जहां से वह सांसद चुने गये हैं. मगर, पीढ़ियों से गांधी—नेहरू परिवार के गढ़ रहे अमेठी में उन्हें बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी से 55 हजार से अधिक मतों से शिकस्त मिली.राहुल ने चुनाव में पार्टी की पराजय की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है.

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