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राजस्थान विधानसभा में पेपर लीक पर हंगामा, BJP ने की CBI जांच की मांग

बीजेपी के साथ कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक भी इन मामलों में आक्रमकता दिखाते हैं, सरकार के लिए सिरदर्द का सबब होगा

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
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<div class="paragraphs"><p>बीजेपी विधायक अपने साथ सीबीआई जांच की मांग लिखा बैनर भी साथ लाए थे.</p></div>
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बीजेपी विधायक अपने साथ सीबीआई जांच की मांग लिखा बैनर भी साथ लाए थे.

(फोटो: क्विंट)

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राजस्थान (Rajsathan) विधानसभा के बजट सत्र (Rajasthan Assembly Budget session ) के पहले ही दिन सोमवार को राज्यपाल अभिभाषण के दौरान विपक्षी दल बीजेपी ने पेपर लीक केस की जांच सीबीआई से करवाने को लेकर हंगामा किया. राज्यपाल कलराज मिश्र ने जैसे ही अभिभाषण पढ़ना शुरू किया, विपक्षी दल के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि प्रदेश में एक के बाद एक पेपर आउट हो रहे हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है. उन्होंने राज्यपाल मिश्र से भी कहा कि आप संवैधानिक पद पर बैठे हैं, आप भी सुनवाई नहीं कर रहे हैं.

बीजेपी विधायक अपने साथ सीबीआई जांच की मांग लिखा बैनर भी साथ लाए थे. विधायकों ने यह बैनर राज्यपाल के सामने भी लहराया. विपक्ष के इस रवैये पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि ऐसा विधानसभा में कभी भी नहीं हुआ कि राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हंगामा किया गया हो. यह परंपराओं के खिलाफ है, लेकिन विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी और हंगामा जारी रहा.

हंगामे की वजह से परेशान हुए राज्यपाल

हंगामा बढ़ता देख राज्यपाल ने 13 मिनट का भाषण पढ़ने के बाद अंतिम पैरा कर अपना भाषण समाप्त कर दिया. हंगामे के चलते राज्यपाल विचलित नजर आए. एक बार तो वह राष्ट्रगान के दौरान ही अभिभाषण की प्रति विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी को हस्ताक्षर कर सौंप कर चल दिए. बाद में राज्यपाल के एडीसी ने उन्हें याद दिलाया तो वे वापस लौटे.


इस सत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने तीसरे कार्यकाल का पांचवां और अंतिम बजट विधानसभा में आठ फरवरी को पेश करेंगे. प्रदेश में इसी साल चुनावी साल होने की वजह से विधानसभा का बजट सत्र हंगामेदार रहने की संभावना है. सरकार को एक तरफ विपक्ष के प्रहारों से निपटना होगा, वहीं अपनों के तीखे तीरों से बचाना होगा.

सत्र के दौरान कांग्रेस में चल रही गुटबाजी और नेताओं के बीच तल्खी की छाया भी नजर आएगी. यह छाया कांग्रेस विधायकों के विधानसभा में लगाए गए सवालों में भी झलक रही है. बीजेपी के साथ कांग्रेस और उसे समर्थन देने वाले विधायकों की तरफ से नए जिले, बिगड़ती कानून व्यवस्था, खराब सड़कों, किसानों को मुआवजा देने संबंधी कई सवाल लगाए है. कोटा की सांगोद सीट से विधायक भरतसिंह ने मंत्रियों को घेरेने के साथ ही मुख्यमंत्री की हवाई यात्रा से जुड़ा सवाल भी विधानसभा में पूछा है.

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विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस और बीजेपी विधायकों की तरफ से मुख्य रूप से पेपर लीक और नए जिले के गठन को लेकर सवाल पूछे गए है. बीजेपी पहले ही इन सभी मुद्दों पर गहलोत सरकार को घेरने का ऐलान कर चुकी है. वहीं बीजेपी ने कांग्रेस विधायकों के इस्तीफों को लेकर भी सदन में सरकार को घेरने की तैयारी की है.

अगर बीजेपी के साथ कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक भी इन मामलों में आक्रमकता दिखाते हैं, तो यह सरकार के लिए सिरदर्द का सबब होगा, इसे देखते हुए सरकार के रणनीतिकारों की तरफ से इन मुद्दों पर सदन में फ्लोर मैनेजेमेंट की रणनीति तैयार की जा रही है. हालांकि नए प्रदेश प्रभारी ​सुखविंदर सिंह रंधावा की तरफ से गलत बयानबाजी को लेकर नेताओं को लगातार चेताया जा रहा है.

विधानसभा में बजट घोषणा के साथ राइट टू हेल्थ कानून पर भी नजर रहेगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई मौके पर इस विधेयक को लगाने का ऐलान कर चुके हैं, यह कानून सितंबर में विधानसभा सत्र में पेश किया गया था, जो अभी सलेक्ट कमेटी के पास है. इसके अलावा सरकार पेपर लीक पर लगाम लगाने के लिए एक और कानून इसी सत्र में विधानसभा में लाएगी.

विधानसभा में लंबे अर्से बाद सभी 200 विधायक मौजूद रहेंगे. अभी विधानसभा में कोई भी सीट खाली नहीं चल रही है, इससे पहले लगभग हर सत्र में कोई न कोई सीट खाली रहती है.

इनपुट- पंकज सोनी

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