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INC Rajasthan Political Turmoil: इससे पहले कांग्रेस को गांधी परिवार के बाहर अपना नया अध्यक्ष मिलता, राजस्थान में उसे अपने ही विधायकों के हाथों बगावत का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा लग रहा है कि जैसे विधायकों और केंद्रीय नेतृत्व में रस्साकसी चल रही है.
सबसे अजीब बात तो सचिन पायलट का विरोधी खेमा (गहलोत समर्थक) खुद को अपने मुखिया अशोक गहलोत से नाराज बता रहा है. इसी खेमे के लगभग 90 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया, क्योंकि गहलोत ने उनसे बिना सलाह लिए ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्णय ले लिया है.
लेकिन अभी हैरान होने की बारी बाकी है. यह लोग इस्तीफा देने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के पास पहुंचे थे. अब सीपी जोशी कौन? सीपी जोशी ही तो वो शख्स हैं, जिन्हें गहलोत अपने बाद मुख्यमंत्री बनवाना चाह रहे हैं.
रविवार, 25 सितंबर की शाम सात बजे मुख्यमंत्री आवास पर केंद्रीय पर्यवेक्षकों की भूमिका में जयपुर पहुंचे अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ राजस्थान के विधायकों की बैठक होनी थी. लेकिन वहां विधायक पहुंचे ही नहीं. बैठक का वक्त दो बार बढ़ाए जाने के बाद खबर आई की बैठक स्थगित कर दी गयी.
लेकिन विधायकों की इससे पहले एक और बैठक हुई. यह बैठक हुई गहलोत के कट्टर समर्थक और मंत्री शांतिलाल धारीवाल के आवास पर. इस गुट में 92 विधायक तक शामिल हैं, जबकि धारीवाल के घर पर ही 60 से ज्यादा विधायक मौजूद थे.
राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 108 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के 71. करीब 16 कांग्रेस विधायकों का समर्थन सचिन पायलट को हासिल है. मतलब 92 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है, तो बहुमत का आंकड़ा घटकर 55 हो जाएगा. इस स्थिति में बीजेपी को अपने आप बहुमत मिल जाएगा.
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