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कोटा: बच्चों की मौत पर सचिन पायलट का कड़ा रुख,गहलोत पर साधा निशाना

सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि हमें जिम्मेदारी तय करनी होगी.

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Updated:
सचिन पायलट को लेकर अशोक गहलोत का बड़ा बयान 
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सचिन पायलट को लेकर अशोक गहलोत का बड़ा बयान 
(फोटो ग्राफिक्स: क्विंट हिंदी)

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राजस्थान के कोटा में बच्चों की मौत का आंकड़ा 105 के पार पहुंच गया है. अब इस मामले पर राज्य के डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए हैं. पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि हमें जिम्मेदारी तय करनी होगी.

सचिन पायलट शनिवार को कोटा के जेके लोन अस्पताल पहुंचे. वहां मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा, "13 महीने तक सत्ता में रहने के बाद पिछली सरकार को दोष देने का कोई उद्देश्य नहीं है. जवाबदेही तय होनी चाहिए."

पहले भी हो चुका है टकराव

सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच टकराव कोई नया नहीं है. इससे पहले भी दोनों एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर बोलते आए हैं. राजस्थान में कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए भी राजस्थान कांग्रेस में काफी रार देखने को मिला था. कहा जाता है इन दोनों नेताओं का राज्य में अलग-अलग गुथ है.

राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने वाली कांग्रेस लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हार गई थी. इसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट से जोधपुर में हार की जिम्मेदारी लेने को कहा था. गहलोत ने कहा था कि पायलट जोधपुर सीट पर शानदार जीत का दावा कर रहे थे, इसलिए उन्हें हार की जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए.

इसके अलावा राज्य में किसानों के कर्ज माफी के मुद्दे पर सचिन पायलट कई बार सीएम अशोक पर बयानबाजी कर चुके हैं.

कोटा मामले पर राजस्थान सरकार घिरी

पहले उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में, फिर बिहार के मुजफ्फरपुर में और अब राजस्थान के कोटा में सैकड़ों बच्चों की असामयिक मौत हुई है. इन सभी घटनाओं में देश के बाल मृत्यु दर के आंकड़े बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता नहीं देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों के इरादों पर गंभीर सवाल उठाते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोटा में जेके लोन अस्पताल अच्छी तरह से इनक्यूबेटरों जैसी आवश्यक सुविधाओं से लैस नहीं है और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. शांतनु सेन इस प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हैं. उन्होंने कहा कि कम बजटीय आवंटन, सरकार की भर्ती नीतियों का अनुचित कार्यान्वयन और गलत स्वास्थ्य योजनाएं इस प्रकार की दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण हैं.

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Published: 04 Jan 2020,03:41 PM IST

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