Home News Politics राजस्थान: गहलोत का BJP पर वार,पायलट बोले-अटकलें खत्म-10 बड़ी बातें
राजस्थान: गहलोत का BJP पर वार,पायलट बोले-अटकलें खत्म-10 बड़ी बातें
राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत ने हासिल किया विश्वास मत
क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
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राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत ने हासिल किया विश्वास मत
(फोटो: क्विंट हिंदी)
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राजस्थान में पिछले करीब एक महीने से जो सियासी ड्रामा जारी था आखिरकार अब उस पर विराम लग चुका है. सीएम अशोक गहलोत ने विधानसभा सत्र में विश्वास मत हासिल कर लिया. वहीं सचिन पायलट समेत सभी नाराज विधायकों ने भी सत्र में हिस्सा लिया और ध्वनिमत से विश्वास प्रस्ताव को पास किया. इस सत्र के दौरान सचिन पायलट को पीछे की सीट दिए जाने की खूब चर्चा हुई, वहीं अशोक गहलोत ने इस जीत के बाद कहा कि ये उन लोगों के लिए एक मैसेज है जो देशभर में चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने का काम कर रहे हैं. जानिए विधानसभा सत्र से ठीक पहले और अब तक राजस्थान की राजनीति में क्या-क्या हुआ.
राज्यपाल के साथ तीखी बहस के बाद आखिरकार 14 अगस्त को विधानसभा सत्र बुलाए जाने की तारीख तय हुई थी. सत्र से ठीक पहले कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट समेत सभी कांग्रेस विधायकों ने हिस्सा लिया था.
विधानसभा सत्र से पहले बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट ने लंबी लड़ाई के बाद पहली बार सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की. दोनों ने गर्मजोशी से एक दूसरे से हाथ मिलाया.
विधानसभा सत्र शुरू होने के बाद इसे बारिश के चलते कुछ घंटों के लिए स्थगित किया गया. लेकिन आखिरकार सभी विधायकों के पहुंचने पर सत्र शुरू हुआ और सदन में गहलोत की तरफ से विश्वास प्रस्ताव रखा गया.
राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायकों के साथ अन्य दलों और निर्दलीय विधायकों को मिलाकर पूरे 125 विधायक मौजूद थे. जबकि बहुमत साबित करने के लिए 200 सीटों वाली विधानसभा में कुल 101 विधायकों की जरूरत थी.
विधानसभा में राजस्थान की अपनी सरकार से नाराज होकर हरियाणा जाकर रुकने वाले सचिन पायलट की सीट काफी पीछे कर दी गई. जिसकी खूब चर्चा हुई. इस दौरान पायलट ने खुद इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा- "मैं पहले जिस सीट पर बैठता था, वहां मैं सुरक्षित था. फिर मैंने सोचा कि मुझे अलग सीट क्यों आवंटित की गई है. मैंने देखा कि ये बॉर्डर है - एक तरफ सत्तारूढ़ पार्टी, दूसरी तरफ विपक्ष. बॉर्डर पर कौन भेजा जाता है? सबसे मजबूत योद्धा."
सचिन पायलट ने मीडिया के सामने आकर भी सिटिंग अरेंजमेंट पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि, "पहले मैं सरकार का हिस्सा था, लेकिन आज नहीं हूं. ये जरूरी नहीं है कि कौन कहां पर बैठता है. लेकिन ये जरूरी है कि लोगों के दिलों और दिमाग में क्या है. सिटिंग पैटर्न को स्पीकर और पार्टी ने तय किया था और मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहता.”
पायलट ने अपनी शिकायतों को लेकर रोडमैप की भी बात की. उन्होंने कहा, "आज विधानसभा में बहुमत साबित हो चुका है. इससे उन सभी अटकलों पर विराम लग जाएगा जो लगाई जा रही थीं. जो मुद्दे उठाए गए थे उनके लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है. मुझे पूरा यकीन है कि इस रोडमैप की घोषणा वक्त पर होगी."
विश्वास मत हासिल करने के बाद सीएम अशोक गहलोत ने मीडिया से कहा कि आज पूरे राज्य में खुशी की लहर है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में बीजेपी का साजिश नाकाम हो गई. इसीलिए अब हम कोरोना से लड़ने पर काम करेंगे. अब हमें मिलकर काम करना होगा.
अशोक गहलोत ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि, बीजेपी ने जिस तरह मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में सरकार गिराने की साजिश रची, वही तरीका उसने राजस्थान में भी अपनाया. लेकिन यहां वो एक्सपोज हो गए. उन्होंने कहा कि विश्वास मत हासिल करना उन लोगों को एक मैसेज है जो चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने का काम करते हैं.
राजस्थान विधानसभा सत्र से ठीक पहले बीजेपी की तरफ से बयान आया था कि वो सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे. लेकिन इसके जवाब में गहलोत ने खुद ऐलान कर दिया कि वो विश्वास प्रस्ताव लाएंगे. ऐसा करके गहलोत ने अपना शक्ति प्रदर्शन भी किया और अगले 6 महीने के लिए राहत की सांस भी ली.