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राज्यसभा चुनाव: रिटायर्ड IAS पर दांव, जातीय समीकरण का ख्याल.. SP ने इन 3 नामों को क्यों चुना?

Rajya Sabha Election 2024: जया बच्चन, पूर्व नौकरशाह आलोक रंजन और पूर्व सांसद रामजीलाल सुमन को एसपी ने अपना प्रत्याशी बनाया है.

पीयूष राय
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>राज्यसभा चुनाव के लिए समाजवादी प्रत्याशियों का ऐलान.</p></div>
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राज्यसभा चुनाव के लिए समाजवादी प्रत्याशियों का ऐलान.

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बाद अब समाजवादी पार्टी (SP) ने भी राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election 2024) के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है. जया बच्चन, पूर्व नौकरशाह आलोक रंजन और पूर्व सांसद रामजीलाल सुमन को एसपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी बनाया है. पार्टी की तरफ से घोषित किए गए तीन प्रत्याशियों में सबसे ज्यादा चर्चा रिटायर्ड आईएएस आलोक रंजन की है.

कौन हैं आलोक रंजन?

1978 बैच के आईएएस अफसर आलोक रंजन 2016 में रिटायर हुए. रिटायरमेंट से पहले वह 2014 में प्रदेश में एसपी सरकार के दौरान मुख्य सचिव भी रहे. इन्हीं यादव परिवार और खास कर अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है. शायद यही कारण है कि इनको रिटायरमेंट के बाद 3 महीने का एक्सटेंशन भी मिला था. रिटायरमेंट के बाद इनकी तैनाती तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चीफ एडवाइजर के रूप में भी रही और साथ ही साथ उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन के एमडी की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी.

हालांकि 2017 विधानसभा चुनाव में एसपी की करारी हार के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. लेकिन वह यादव परिवार से जुड़े रहे.

नामांकन भरते आलोक रंजन

रिटायरमेंट के बाद नौकरशाहों का राजनीति की तरफ रुख करना अब आम बात हो गई है. और इसी कड़ी में अब आलोक रंजन का नाम जुड़ गया है. पार्टी के सूत्र बताते हैं की आलोक रंजन पार्टी में रणनीतिकार की तरह उभर कर आए हैं. उनकी चुनाव के दौरान पार्टी का मेनिफेस्टो तैयार करने में खास भूमिका रहती थी. यादव परिवार से इन्हीं नजदीकियों के कारण पार्टी ने अब इन्हें राज्यसभा भेजने का मन बना लिया है.

जातीय समीकरण पर भी ध्यान

पीड़ित, दलित और अतिपिछड़ा यानी PDA का नारा लेकर चुनाव का बिगुल फूंकने वाली एसपी ने राज्यसभा जाने वाले प्रत्याशियों के नामों की घोषणा से जाति समीकरण को साधने की कोशिश भी की है. अभिनेत्री जया बच्चन और पूर्व नौकरशाह आलोक रंजन के अलावा इस लिस्ट में तीसरा नाम रामजीलाल सुमन का है.

फिरोजाबाद लोकसभा सीट से चार बार सांसद रहे रामजीलाल सुमन दिवंगत एसपी नेता मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं. 1990 के दशक में पार्टी की स्थापना के समय ही वह मुलायम सिंह यादव से जुड़ गए थे और अभी तक पार्टी के साथ बने हुए हैं.

2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें हाथरस लोकसभा सीट से लड़ाया था लेकिन दोनों ही बार वह जीत हासिल नहीं कर पाए. हालांकि पार्टी ने एक बार उनका फिर कद बढ़ाते हुए उन्हें राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया है.
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राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि आरएलडी का साथ छूटने के बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश में एसपी के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं. ऐसे में रामजी सुमन के नाम की घोषणा कर पार्टी ने दलित वोटो में सेंध लगाने की कोशिश की है. आगरा मंडल के जिले, जैसे की आगरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़ और हाथरस में दलित वोटर निर्णायक की भूमिका में रहते हैं. रामजी सुमन के राज्यसभा जाने से पार्टी को इस क्षेत्र में चुनाव में फायदा मिल सकता है.

पांचवी बार राज्यसभा पहुंचेंगी जया बच्चन

दिग्गज अभिनेत्री जया बच्चन अपने पांचवें राज्यसभा कार्यकाल के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. एसपी ने उन्हें भी उत्तर प्रदेश से उच्च सदन के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में फिर से नामित किया है.

एक्ट्रेस से पॉलिटिशियन बनीं जया बच्चन सबसे एक्टिव सांसदों में से एक हैं. राज्यसभा में अपने भाषणों को लेकर वो अक्सर सुर्खियों में रहती हैं. PRS Legislative Research के अनुसार, 75 वर्षीय बच्चन की 2009 और 2024 के बीच उच्च सदन में 82% उपस्थिति रही, जो राष्ट्रीय औसत 79% से तीन प्रतिशत अधिक है.

राज्यसभा की बहसों में भाग लेने के राष्ट्रीय औसत 199.7 के मुकाबले, जया बच्चन ने 2009 और 2024 के बीच 292 बहसों में हिस्सा लिया, जो इस पैरामीटर पर यूपी के औसत 193.8 से काफी अधिक है.

उन्होंने इस अवधि में प्रश्नकाल के दौरान 451 प्रश्न पूछे, जबकि राष्ट्रीय और राज्य का औसत क्रमशः 667.02 और 598.07 है.

जया बच्चन साल 2004 में पहली बार समाजवादी पार्टी की ओर से राज्यसभा पहुंची थीं. इसके बाद पार्टी ने उन्हें 2006, 2012 और फिर 2018 में राज्यसभा भेजा. राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर जया बच्चन ने लगातार पांचवीं बार नामांकन दाखिल किया है.

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