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Rajya Sabha Chunav: राजस्थान कांग्रेस के लिए 5 BSP और 2 निर्दलीय MLA बने टेंशन?

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<div class="paragraphs"><p>उदयपुर जाते कांग्रेस विधायक</p></div>
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उदयपुर जाते कांग्रेस विधायक

(फोटो: Accessed by The Quint)

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राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections 2022) से पहले कांग्रेस को हॉर्स ट्रेडिंग का डर सताने लगा है. इसे देखते हुए मतदान से पहले राजस्थान कांग्रेस ने विधानसभा से 400 किलोमीटर दूर अपने विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है. उदयपुर के जिस पांच सितारा होटल ताज अरावली में कांग्रेस का नवसंकल्प चिंतन शिविर हुआ था, वहीं पर प्रदेश के विधायकों को रखा जा रहा है.

दो दर्जन से अधिक विधायक अलग-अलग तरीके से होटल पहुंचे. वहीं, 40 के करीब विधायक 2 जून को रात दो बजे बाद एक साथ बस में उदयपुर पहुंचे. इसमें कुछ निर्दलीय विधायक भी शामिल थे. अब तक कांग्रेस के बाड़े में 70 विधायकों के जाने की जानकारी है.

होटल के आसपास किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है. होटल में आने-जाने वाले लोगों पर भी नजर रखी जा रही है. आलाकमान के निर्देश पर राज्यसभा चुनाव से पहले 6 दिनों तक सबको यहां रखा जाएगा और चुनाव से ठीक पहले यहां से वापस जयपुर वोटिंग के लिए ले जाया जाएगा.

उदयपुर का होटल

BSP से कांग्रेस आए विधायकों ने बढ़ाई चिंता

कांग्रेस की चिंता बीएसपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों ने बढ़ा दी है. पंचायत राज राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा, विधायक संदीप यादव, वाजिब अली और लखन मीणा के साथ कांग्रेस के गिर्राज मंलिगा ने कांग्रेस की बाड़ेबंदी में जाने से इंकार कर दिया. राजेंद्र गुढ़ा और संदीप यादव ने कहा कि, "उन्हें पिंजरे में रहना पसंद नहीं है. इसलिए बार-बार बाड़ेबंदी में नहीं जाएंगे. वहां मन भी नहीं लगता. अगले पांच दिन अपने हिसाब से रहेंगे. हमने सरकार बचाने के लिए समर्थन दिया था."

बीएसपी छोड़ कांग्रेस में आए पांच विधायक

(फोटो: Accessed by The Quint)

एक्टिव हुए मुख्यमंत्री गहलोत

राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय विधायकों की अहम भूमिका को देखते हुए खुद मुख्यमंत्री पूरी तरह से एक्टिव हो गए है. छोटे दलों के विधायकों की नाराजगी दूर करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. बताया जा रहा है निर्दलीय बलजीत यादव, रमिला खडिया भी अब तक नहीं माने हैं. वहीं, दूसरी बीटीपी के दो विधायक किसी आदिवासी को उम्मीदवार नहीं बनाने को लेकर कांग्रेस से दूरी बनाए बैठे है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, सरकार से नाराज चल रहे कांग्रेस, निर्दलीय और बीटीपी विधायक अपने-अपने लंबित कामों और मुद्दों की वजह से नाराज हैं. इस सरकार के कार्यकाल में यह आखिरी राज्यसभा चुनाव है, इसलिए विधायक भी जानते हैं कि इसके बाद दबाव बनाने का इतना बेहतरीन मौका नहीं मिलेगा. नाराजगी जाहिर करने के पीछे यह भी एक बड़ा कारण है.

एक और निर्दलीय ​विधायक ओमप्रकश हुड़ला ने भी उदयपुर की बाड़ेबंदी में जाने से इंनकार कर दिया है. हुड़ला के खिलाफ सीबीआई नोटिस जारी होने की चर्चा जोरों पर चलती रही. हालांकि, हुड़ला ने खुद मीडिया के सामने आकर इसका खंडन किया, लेकिन 2 जून की शाम को उन्हें सिरदर्द, सीने में दर्द और बेचैनी होने पर एसएमएस अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल की इमरजेंसी में डॉक्टरों ने चेकअप किया. हुड़ला की ईसीजी, सिटी स्कैन, एक्सरें सहित और प्राथमिक जांच की गयी.

हालांकि, जांच रिपोर्ट नॉर्मल पायी गई है. तबीयत ठीक नहीं होने पर डॉक्टरों ने भर्ती करने की फाइल बना दी थी, लेकिन हुड़ला ने भर्ती होने से मना कर दिया, जिसके बाद फाइल को कैंसिल कर दवाई देकर घर भेज दिया और आराम करने की सलाह दी.

निर्दलीय ​विधायक ओमप्रकश हुड़ला

(फोटो: Accessed by The Quint)

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अशोक गहलोत का बीजेपी पर हमला

इधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर प्रहार करते हुए कहा,

"ये फासिस्ट लोग है. इनका संविधान और लोकतंत्र में विश्वास नहीं है. ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स तो इनके लिए सामान्य बात है, जहां-जहां चुनाव होते है, वहां हथकंडा उपयोग करते हैं. राज्यसभा चुनाव चल रहे हैं और 2 विधायकों को नोटिस की बात सामने आई है. हम राज्यसभा की तीनों सीट जीतेंगे. हॉर्स ट्रेडिंग की चाल कामयाब नहीं होगी. इन्हें शिकस्त मिलेगी. विधायकों के घरों के बाहर पुलिस लगाने पर सीएम ने कहा कि सुरक्षा अगर बीजेपी वाले मांगेंगे, तो उनके वहां भी लगा देंगे."

राज्यसभा के लिए बीजेपी समर्थक निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा के कांग्रेसी खेमे के कुछ विधायकों से अच्छे रिश्ते हैं. चंद्रा और बीजेपी नेताओं ने कांग्रेसी खेमे के कुछ विधायकों से संपर्क किया है, जिसके बाद निगरानी तंत्र और मजबूत कर दिया गया है. कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में किसी प्रकार का कोई जोखिम नहीं लेना चाहती, इसलिए विधायकों की बाड़े-बंदी करने के साथ ही उन पर पूरी तरह से निगरानी रखी जा रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने करीबी मंत्रियों को इसकी जिम्मेदारी दी है. वो होटल में रहने के दौरान उन विधायकों पर कड़ी निगरानी रखेंगे, जिनकी भूमिका संदिग्ध हो सकती है. कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती है.

बीजेपी में भी अंदरखाने में विधायकों को साधना किया शुरु

बीजेपी ने दूसरी सीट के लिए निर्दलीय विधायकों से संपर्क करने का प्रयास शुरू कर दिया है. इसके साथ ही बीजेपी अपने विधायकों को भी साधे रखने में जुट गई है. पार्टी ने अपने सभी विधायकों को 5 जून की रात को सामान के साथ पहुंचने के लिए कहा है. बीजेपी ने अपने विधायकों के लिए जयपुर-आगरा रोड पर एक रिसॉर्ट बुक करवाया गया है.

"सत्ता का दुरुपयोग कर रही है राज्य सरकार" - वसुंधरा राजे

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजे ने 2 जून को एक बयान में कहा कि राज्यसभा चुनाव में जिस तरह से सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है, वह हैरान करने वाला है. उन्होंने कहा, "एक-एक विधायक के पीछे पुलिस की गाड़ी लगा दी गई है और उनका पीछा किया जा रहा है. ये पूरी तरह से सत्ता का दुरुपयोग ही है, जो पहले कभी नहीं हुआ."

राजे ने विश्वास जताया कि इसके बावजूद बीजेपी के प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी और निर्दलीय सुभाष चंद्रा जीतेंगे. उन्होंने कहा कि विधायक पार्टी लाइन से ऊपर उठकर हमारे दोनों उम्मीदवारों को वोट देकर जरूर विजयी बनाएंगे.

(इनपुट- पंकज सोनी)

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