advertisement
राजस्थान (Rajasthan) की चार राज्यसभा सीटों (Rajya Sabha Elections) के लिए अब सियासत चार दीवारों के अंदर चलेगी. बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों ने मुकाबला करीबी होते देख किसी भी तरह के जोखिम से बचने के लिए बाड़ेबंदी की रणनीति अपना ली है. कांग्रेस ने बुधवार 1 जून की रात से ही अपने विधायकों को उदयपुर (Udaipur) के होटल अरावली व्यू में भेजना शुरू कर दिया है. यह वही होटल है जिसमें कुछ दिन पहले कांग्रेस ने अपनी दिशा और दशा पर चिंतन किया था.
बुधवार को देर रात ही एक लग्जरी बस उदयपुर के लिए रवाना कर दी गई है. कांग्रेस ने अपने विधायकों को गुरुवार रात तक होटल पहुंचने के निर्देश दिए है.कांग्रेस पहले यह बाड़ेबंदी (घेरा बंदी) तीन जून से करने की तैयारी कर ही थी. लेकिन सरकार को अब तक सर्मथन दे रहे तीन निर्दलीय विधायकों के निर्दलीय सुभाष चंद्रा के खेमे में जाने की सुगबुगाहट के बाद कांग्रेस ने यह कदम उठाया है.
कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव तक बाड़ेबंदी में भी खेमेबंदी की रणनीति तैयार की है. पार्टी विधायकों की जिम्मेदारी राजस्थान सरकार के मंत्रियों को दी गयी है. दो से तीन विधायकों के ग्रुप बनाकर उन्हें मंत्रियों के जिम्मे किया जाएगा. वोट डालने तक यह विधायक मंत्रियों की देखरेख में रहेंगे.
वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने अपने विधायकों को पांच जून को प्रशिक्षण के नाम पर बुलाया है. पार्टी ने छह जून से जयपुर के आस-पास किसी रिसोर्ट में बाड़ेबंदी के लिए जगह देखी है. बीजेपी के विधायकों के साथ हनुमान बेनीवाल की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के तीन विधायक भी इस बाड़ेबंदी में जा सकते है. पार्टी राजस्थान के सीमा से जुड़े हरियाणा में भी अपने विधायकों को रखने पर विचार कर रही है लेकिन यह कदम तब उठाया जाएगा जब विधायकों के बीच सेंधमारी का खतरा हुआ तो.
बुधवार 01 मई को बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने इस शिविर को केवल प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) शिविर बताते हुए कहा कि,
इसके अलावा बीजेपी के सिद्धांत, नीति और उसकी वैचारिक भावनाओं से दिल्ली के कई सीनियर लीडर विधायकों को अवगत करवाएंगे. बाड़ेबंदी के मामले पर बीजेपी के विधायक और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि एलीफेंट ट्रेडिंग करने वाली सरकार अब हॉर्स ट्रेडिंग के नाम पर अपने विधायकों को 7 स्टार होटल लेकर जाएगी. कांग्रेस जब से सत्ता में आई है तब से राज्यसभा के इन चुनाव होने तक को मिलाकर कुल 72 दिन होटलों में रहेगी.
राजस्थान में राज्यसभा की एक सीट के लिए चाहिए 41 विधायक, राजस्थान विधानसभा में यह है अभी विधायकों को गणित.
कांग्रेस— 108
बीजेपी —71
निर्दलीय— 13
आरएलपी— 3
सीपीएम —2
बीटीपी —2
आरएलडी 1
कुल 200
राजस्थान में कांग्रेस के पास अपने खुद की ताकत पर दो राज्यसभा सीटे जीतने की क्षमता है. पार्टी के पास अपने 108 विधायक हैं. तीसरी सीट के लिए उनके पास अतिरिक्त 26 विधायक हैं और उसे 15 विधायकों की जरूरत है. कांग्रेस को उम्मीद है कि उसे समर्थन दे रहे 13 निर्दलीय और सीपीएम के दो विधायकों के अलावा बीटीपी के 2, और आरएलडी के एक विधायक भी उनका ही समर्थन करेंगे.
वहीं बीजेपी के पास 71 विधायक है. एक सीट जीतने के बाद 30 विधायक उनके पास फालतू है. बीजेपी की तरफ से उतारे गए निर्दलीय सुभाष चंद्रा के पास 30 विधायकों के अलावा हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी(RLP) के भी तीन विधायक माने जा रहे हैं. वहीं बीटीपी (BTP) के दो विधायकों ने भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं.13 निर्दलीय विधायकों में से दो बीजेपी विचारधारा के माने जा रहे हैं. चंद्रा को उम्मीद निर्दलीय विधायकों से ज्यादा है.
राजस्थान में तेजी से बदलते सियासी समीकरणों के बीच अब पुलिस की एंट्री भी हो गई है. निर्दलीय विधायक सुरेश टांक से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की मुलाकात के बाद टांक के घर पर पुलिस तैनात कर दी गई है. वहीं सुरेश टांक को बुधवार देर रात उदयपुर की 12 बाड़ा बंदी के लिए भी रवाना कर दिया है. दो अन्य निर्दलीय विधायक खुशवीर सिंह जोजावर और रमिला खड़िया को लेकर कांग्रेस खेमे में चिंता है यह दोनों विधायक अभी कांग्रेस के संपर्क में नहीं है. पिछले चुनाव में इन विधायकों ने कांग्रेस का साथ दिया था.
(न्यूज इनपुट्स- पंकज सोनी)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined