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अठावले की कविता पर पीएम मोदी, राहुल, सोनिया समेत पूरा सदन लोटपोट 

अठावले मौका-बेमौका संसद में तुकबंदियां करते रहते हैं

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अठावले मौका-बेमौका संसद में तुकबंदियां करते रहते हैं
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अठावले मौका-बेमौका संसद में तुकबंदियां करते रहते हैं
(फाइल फोटो: IANS)

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रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अ) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने एक बार फिर अपनी तुकबंदी से सदन को लोटपोट किया. मौका था लोकसभा के नए अध्यक्ष ओम बिड़ला को सदन में बधाई देने का. अठावले ने अपनी कविता में पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ, राहुल गांधी को दुआ और अध्यक्ष को बधाई सब एक साथ कर डाला.

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अठावले की कविता

एक देश का नाम है रोम, लोकसभा के अध्यक्ष बन गए बिड़ला ओम

लोकसभा का आपको अच्छी तरह चलाना है काम, वेल में आने वालों का ब्लैक लिस्ट में डालना है नाम

नरेंद्र मोदी जी और आपका दिल है विशाल, राहुल जी आप रहो खुशहाल

हम सब मिलकर एकता की मशाल, भारत को बनाते हैं और भी विशाल

आपका राज्य है राजस्थान, लेकिन लोकसभा की आप बन गए जान

भाषण के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी समेत तमाम नेता सदन में मौजूद थे. अपने भाषण में अठावले ने कहा

बिल पास करने के लिए विपक्ष की जरूरत है. हमारी सरकार 5 साल तक चलेगी, पांच साल होने के बाद भी पांच साल चलेगी और चलती ही रहेगी. हम अच्छा काम नहीं करेंगे, तो आपकी सरकार आएगी लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे.
रामदास अठावले, केंद्रीय मंत्री

उन्होंने ओम बिड़ला को लेकर कहा, ‘आप हंसते नहीं हैं, लेकिन मैं आपको हंसाकर रहूंगा.’

पहले भी दिखाते रहे हैं ‘कवि रूप’

दरअसल अठावले मौका-बेमौका ऐसी तुकबंदियां करते रहते हैं. इसी साल जनवरी में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के बिल पर चल रही बहस के दौरान भी अठावले ने ‘आज मुझे बहुत अच्छा हो रहा है फील, क्योंकि लोकसभा में पास हो रहा है आरक्षण का बिल’ से शुरुआत करते हुए लंबी कविता सुनाई थी.

उस कविता पर रोष जताते हुए कवि कुमार विश्वास ने उस वक्कोत अपने फेसबुक पर लिखा था- लोकतंत्र की जिस संसदीय शक्तिपीठ में, कभी राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त, रामधारीसिंह दिनकर, बालकवि बैरागी और उदयप्रताप जी जैसे कवियों ने भाषा और कविता का गुण-गौरव गुंजाया था, वहां का हालिया 'उत्कर्ष' आप सब 'मतदाताओं' की सेवा में प्रस्तुत है! ऐसे 'हल्के-फुल्के' लोकतंत्र की जय हो. ‬

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Published: 19 Jun 2019,02:44 PM IST

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