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RVM के प्रस्ताव पर विपक्ष का सवाल- क्या आप हर जगह आचार संहिता लागू करेंगे?

चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तावित रिमोट वोटिंग की प्रक्रिया पर कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने उसकी खामियों को सामने रखा.

ईश्वर
पॉलिटिक्स
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<div class="paragraphs"><p>विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तावित प्रक्रिया में विसंगतियों और खामियों को उठाया.</p></div>
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विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तावित प्रक्रिया में विसंगतियों और खामियों को उठाया.

फोटो : द क्विंट

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भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने घरेलू प्रवासियों (डोमेस्टिक माइग्रेंट्स) को अपने गृह राज्यों या निर्वाचन क्षेत्रों में होने वाले चुनावों में दूरस्थ रूप से मतदान करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) का प्रस्ताव रखा है. आयोग का कहना है कि रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी RVM की मदद से अपने घर से दूर किसी दूसरे शहर या राज्य में रहने वाले वोटर्स विधानसभा या लोकसभा चुनाव में वोट डाल सकेंगे. लेकिन सोमवार 16 जनवरी को कई विपक्षी दलों ने रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) की जरूरत पर सवाल उठाए.

सोमवार को चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी RVM का प्रोटोटाइप दिखाया और डेमोस्ट्रेशन देते हुए बताया कि यह सिस्टम कैसे काम करेगा. हालांकि, विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तावित प्रक्रिया में विसंगतियों और खामियों को उठाया.

कांग्रेस ने क्या कहा? चुनाव आयोग द्वारा दिए गए डेमोस्ट्रेशन में शामिल होने के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि इलेक्शन बॉडी (EC) इस सिस्टम (RVM) के बजाय मतदान प्रक्रिया के प्रति शहरी उदासीनता के मुद्दे पर अपना ध्यान केंद्रित करें.

दिग्विजय सिंह ने कहा, "कोई भी विपक्षी पार्टी रिमोट वोटिंग मशीन के डेमोस्ट्रेशन को नहीं देखना चाहती है. सबसे पहले इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए कि इस तरह की मशीन जरूरी है या नहीं." रिमोट वोटिंग के विचार को "अस्वीकार्य" बताते हुए उन्होंने आगे कहा कि कोई आरवीएम (रिमोट वोटिंग मशीन) डेमोस्ट्रेशन तब तक नहीं होगा जब तक कि राजनीतिक दलों द्वारा इस पर आम सहमति नहीं बन जाती है.

उन्होंने पूछते हुए कहा कि "चुनाव आयोग द्वारा जो नोट दिया गया और हमें जो प्रेजेंटेशन दिया गया उन दोनों के बीच, वे कंफ्यूज हैं. जब किसी प्रवासी मजदूर पर कोई सर्वे ही नहीं है, तो वे प्रवासी मजदूरों को कैसे सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं?"

उन्होंने कहा कि "ईवीएम मशीनें कितनी प्रभावी हैं, इस पर संदेह है. अगर चिप वाली डिवाइसों को हैक किया जा सकता है और बैंकों से पैसा चुराया जा सकता है, तो ईवीएम क्या हैं?" उन्होंने आगे कहा कि "लोकतांत्रिक मूल्यों वाले किसी भी विकसित देश के पास ईवीएम मशीन नहीं है."

आम आदमी पार्टी (AAP) ने क्या कहा? बैठक के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए इसकी (RVM की) प्रक्रिया पर कई सवाल उठाए.

संजय सिंह पूछते हुए कहा कि "अगर आप वोटिंग बढ़ाना चाहते हैं तो मतदान वाले दिन आप एक दिन की छुट्‌टी देते हैं आप तीन-चार दिन की छुट्‌टी घोषित क्यों नहीं करते? आप चुनावों के दौरान मतदाताओं के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट फ्री क्यों नहीं करते? दूसरी चीज यह है कि 2019 के चुनावों में भारत का वोट शेयर 67% से अधिक था. यह अमेरिका, ब्रिटेन, स्वीडन, जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्विट्जरलैंड से ज्यादा था; दुनिया के अधिकांश विकसित देशों की तुलना में भारत का वोटिंग पर्सेंटेज ज्यादा है. अगर जालंधर में मतदान होता है, तो क्या आप देश भर में हर उस जगह पर आचार संहिता लागू करेंगे, जहां जालंधर के मतदाता हैं? सीमित आर्थिक संसाधनों वाली छोटी पॉलिटिकल पार्टियां वहां कैसे प्रचार करेंगी?"

उन्होंने आगे पूछा कि रिमोट पोलिंग बूथों पर पोलिंग एजेंट और पार्टी के बूथ प्रतिनिधियों को कैसे तैनात किया जाएगा, उन्होंने यह भी कहा कि सभी दलों ने रिमोट वोटिंग प्रोसेस में संभावित धांधली की चिंता जताई है.

उन्होंने आगे कहा कि "चुनाव आयोग द्वारा 'प्रवासियों' की कोई स्पष्ट संख्या नहीं बताई गई है. आयोग द्वारा सिर्फ इतना कहा गया कि 30 करोड़ लोग इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पा रहे हैं. यह चिंताजनक है, लेकिन ये आंकड़ा यह भी दर्शाता है कि इतने सारे पढ़े-लिखे लोग वोट ही नहीं डालते हैं. वे (आयोग वाले) पहले उस घटना के कारणों का पता क्यों नहीं लगाते? वे (आयोग वाले) पहले उसके पीछे के कारणों का पता क्यों नहीं लगाते हैं?"

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संजय सिंह ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग के प्रस्ताव का समर्थन किया, लेकिन कोई भी फैसला लेने से पहले सभी पक्षों को साथ लेने पर भी उसने सहमति जताई है.

संजय सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग ने यह भी आश्वासन दिया है कि रिमोट वोटिंग के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए सभी पक्षों की सहमति जरूरी है.

रिमोट वोटिंग : विरोध करने की आम सहमति रविवार को बनी

बीते रविवार को एक बैठक हुई जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी), शिवसेना, वाम दल (लेफ्ट पार्टियां), झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएमए), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), भारतीय संघ सहित अधिकांश विपक्षी दल मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और निर्दलीय सांसद कपिल सिब्बल ने इस प्रस्ताव का विरोध किया.

राजनीतिक विसंगतियों का हवाला देते हुए दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा कि प्रवासियों की परिभाषा और उनकी संख्या अभी भी स्पष्ट नहीं है.सोमवार को चुनाव आयोग द्वारा आयोजित सत्र में आरजेडी नेता मनोज कुमार झा भी मौजूद थे, उन्होंने भी इसी तरह की चिंता व्यक्त की थी.

चुनाव आयोग द्वारा घरेलू प्रवासियों के 30 करोड़ के आंकड़े की विश्वसनीयता पर मनोज झा ने रविवार को सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान संसद ने कहा था कि ऐसा कोई डाटा आधिकारिक रूप से दर्ज नहीं किया गया है. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने भी कहा कि "सभी दलों को एक साथ लाकर" यानी सभी पार्टियों की आम सहमति से ही इस प्रस्ताव पर फैसला लेना चाहिए.

रविवार की बैठक में हिस्सा लेने वाली 16 पार्टियों ने एक संयुक्त बयान में कहा था कि "बैठक में यह तय किया गया कि सोमवार में पार्टियों द्वारा उठाए गए सवालों पर ईसीआई की प्रतिक्रिया पर सामूहिक रूप से बाद में विचार किया जाएगा और विपक्षी दल इस मुद्दे पर संयुक्त रुख अपनाएंगे."

चुनाव आयोग को दिए जाने वाले जवाब या प्रतिक्रिया को लेकर 25 जनवरी को विपक्षी दल एक और मीटिंग करेंगे. चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों से 31 जनवरी तक अपनी राय रखने को कहा है.

RVM सिस्टम क्या है?

चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तावित सिस्टम के अनुसार, घरेलू प्रवासी (डोमेस्टिक माइग्रेंट) अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव के लिए दूरस्थ रूप से यानी घर से दूर मौजूद होते हुए जहां वे हैं वहीं से मतदान करने में सक्षम हो सकेंगे.

मल्टी-कांस्टीट्यूएंसी आरवीएम (multi-constituency RVM) को इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) द्वारा विकसित किया गया है. यह आरवीएम एक रिमोट पोलिंग बूथ से 72 निर्वाचन क्षेत्रों को हैंडल कर सकती है, जिसमें एक वोटर (दूसरे राज्य या निर्वाचन क्षेत्र में मौजूद प्रवासी) अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र में हो रहे चुनाव में वोट कर सकता है.

डोमेस्टिक माइग्रेंट यानी घरेलू प्रवासियों के लिए जो रिमोट पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे वहां पर ये प्रवासी मतदान कर सकेंगे.

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