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समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहली बार उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखने की वजह बताई है. अखिलेश यादव ने कहा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का ‘बेहद सम्मान’ करते हैं. इसके बावजूद उन्हें कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखना पड़ा. अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हराने के लिए मजबूत चुनावी गणित की जरूरत थी, इसी वजह से एसपी-बीएसपी गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया गया.
चुनावों के बाद कांग्रेस के साथ काम करने की संभावना को खारिज किए बिना, अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के साथ उनके अच्छे संबंध हैं. लेकिन अगर अगला प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से होगा तो उन्हें ‘खुशी होगी’.
चुनावों के बाद कांग्रेस के समर्थन पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा-
अखिलेश यादव ने बीएसपी के साथ गठबंधन को लेकर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा-
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने बहुत से विकास कार्य किए. इसके बावजूद, उन्हें 2017 के विधानसभा चुनाव में हार मिली, क्योंकि उनका चुनावी अंकगणित सही नहीं था.
अखिलेश ने कहा-
बता दें, समाजवादी पार्टी ने 2017 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था. लेकिन इस चुनाव में एसपी-कांग्रेस गठबंधन को बीजेपी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा,
उत्तर प्रदेश में एसपी-बीएसपी के चुनाव से पहले हुए गठबंधन के बाद कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर अकेले उतरेगी.
कांग्रेस ने ये फैसला एसपी-बीएसपी गठबंधन के औपचारिक ऐलान के बाद लिया है. एसपी-बीएसपी सूबे की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसके अलावा गठबंधन ने दो सीटें छोटी पार्टियों के लिए छोड़ दी हैं. वहीं रायबरेली और अमेठी सीट से भी गठबंधन कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगा. बता दें, रायबरेली से यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सांसद हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस को विपक्षी गठबंधन से बाहर रखना राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में विपक्ष की संभावनाओं को कम करेगा. इस पर अखिलेश ने कहा-
अखिलेश ने कहा कि बीएसपी और आरएलडी के साथ समाजवादी पार्टी का गठबंधन पहले से ही "फाइनल" था. उन्होंने कहा कि ये भी पहले से ही तय था कि कांग्रेस के साथ लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर कोई मुद्दा नहीं होगा.
उन्होंने कहा,
यह पूछे जाने पर कि क्या गठबंधन बदले हुए हालातों में अमेठी और रायबरेली से उम्मीदवार खड़ा करेगा, क्योंकि कांग्रेस ने सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इस पर अखिलेश ने कहा कि एसपी-बीएसपी गठबंधन रायबरेली और अमेठी में उम्मीदवार नहीं उतारेगा.
हालांकि, अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखने और उन्हें सिर्फ दो सीटें देने से चुनाव में विपक्षी वोट शेयर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
जब अखिलेश से राहुल गांधी की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया मांगी गई, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह एसपी और बीएसपी के नेताओं का "बहुत सम्मान" करते हैं. इस पर अखिलेश ने कहा कि वह भी राहुल गांधी का बहुत सम्मान करते हैं.
अखिलेश यादव ने कहा कि वह चाहते हैं कि देश का अगला प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से हो. उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई. यादव ने कहा-
यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री के रूप में उनकी पहली पसंद कौन है? बीएसपी चीफ मायावती या तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी. इस पर अखिलेश ने सीधा जवाब देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि नए प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए प्रयास किए जाने चाहिए और चुनाव के बाद कुछ मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है.
हालांकि, अखिलेश यादव ने भरोसा जताया कि 19 जनवरी को तृणमूल कांग्रेस की ओर से ब्रिगेड परेड ग्राउंड में बुलाई गई रैली में शामिल हुए क्षेत्रीय दल चुनावों के बाद भी साथ रहेंगे.
(इनपुटः PTI)
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