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एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) ने लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) की घटना को लेकर केंद्र और यूपी सरकार को घेरा है. बुधवार को पवार ने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी इस मामले में जिम्मेदारी लेने से बच नहीं सकते. उन्होंने केंद्रीय मंत्री टेनी के इस्तीफ की मांग की.
पवार ने केंद्र और योगी सरकार को घेरते हुए कहा, '' लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचला गया, केंद्रीय मंत्री के बेटे पर आरोप हैं. सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जर्वेशन के बाद आरोपी की गिरफ्तारी हुई. सत्ताधारी पार्टी को इस मामले में स्टैंड लेना चाहिए. ना यूपी के मुख्यमंत्री और ना ही केंद्रीय मंत्री इस मामले में बच सकते हैं. केंद्रीय मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.''
पवार ने केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई के तरीके पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ''ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स का गलत इस्तेमाल हो रहा है. कुछ पार्टियों को बदनाम करने के लिए इसका इस्तेमाल हो रहा है. नवाब मलिक ने NCB के बारे में कुछ तथ्य सामने रखे हैं.''
शरद पवार ने कहा कि पिछले कुछ सालों में NCB ने बहुत कम मात्रा में ड्रग्स सीज किया है. उनकी तुलना में राज्य की ऐंटी नार्कोर्टिक्स सेल ने बड़ी मात्रा में ड्रग्स पकड़ा है. इसीलिए राज्य की एजेंसियों को बदनाम करना गलत है.
पवार ने आर्यन खान मामले को लेकर भी एनसीबी की कार्रवाई पर उठाए. उन्होंने कहा कि
पवार ने कहा कि सरकारी एजेंसियों का इस तरह का गलत इस्तेमाल देखने को मिल रहा है.
इनकम टैक्स रेड पर एनसीपी चीफ ने कहा, ''आज 6 दिन हो गए, हमारे घर की महिलाओं के घर पर आईटी की छापेमारी शुरू है. मैंने केंद्रीय अधिकारियों से जानकारी ली तो बताया गया कि इतने दिनों तक लंबी कार्रवाई शायद ही कभी चलती है.''
उन्होंने आगे कहा, ''फिलहाल हम आए हुए महमानों की खातिरदारी कर रहे हैं. लेकिन कोई मेहमान अगर निकलने का नाम ही नही ले रहा तो क्या करें?''
एनसीपी चीफ ने कहा कि ये एजेंसियां मुख्य टारगेट के इर्द-गिर्द घूमती नजर आ रही हैं. ये डराने की कोशिश है. उन्होंने इसके लिए अजित पवार, अशोक चव्हाण और सुभाष देसाई के करीबियों पर छापेमारी का हवाला दिया.
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