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एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आज दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की. दोनों की मुलाकात को लेकर महाराष्ट्र में नए सियासी समीकरण की संभावनाओं की चर्चा चल रही है. हालांकि शरद पवार ने यही कहा है कि ये मुलाकात उन्होंने किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए की थी. उन्होंने पीएम को एक पत्र सौंपा है.
चिट्ठी में शरद पवार ने लिखा है-
महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजे आये एक महीना होने को है लेकिन ये अब तक साफ नहीं हो सका है कि आखिर महाराष्ट्र सरकार कौन बनाएगा ? एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के पास इसका जवाब है लेकिन पवार अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं हैं ? फिलहाल तो सरकार बनाने का एपिसेंटर मुंबई से दिल्ली शिफ्ट हो चुका है .
एनसीपी और कांग्रेस के नेताओ की शाम में दिल्ली में साझा बैठक है और जानकारी के मुताबिक इस बैठक में दोनों दलों के बड़े नेता आपस में मिलकर तय करेंगे कि शिवसेना के साथ सरकार बनानी है या नहीं ? दोनों पार्टियों के बड़े नेताओ से बात करके तो यही लगता है कि बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए शिवसेना का साथ देने को विधायक तैयार हैं, लेकिन शरद पवार क्या चाहते हैं ? पवार के मन में क्या चल रहा है ये फिलहाल किसी को नहीं पता है?
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कांग्रेस-एनसीपी की बैठक से पहले शरद पवार-पीएम मोदी की मुलाकात ने सस्पेंस को और बढ़ा दिया है ? भले ही पवार मुलाकात के बारे में कहें कि ये मुलाकात किसानों के मुद्दे पर थी पर टाइमिंग को लेकर तो सवाल तो उठेंगे ही ? बता दें कि दो दिनों पहले ही सोनिया गांधी-पवार से मुलाकात के पहले पीएम मोदी ने एनसीपी की तारीफ की सभी को चौका दिया था .पवार सोनिया की बैठक के बाद पवार की गुगली ने भी सभी को चौंका दिया, लेकिन क्या पवार का बयान शिवसेना की मुश्किल बढ़ाने वाला था या बीजेपी की. इसका जवाब अभी तक नहीं मिल सका है.
उधर शिवसेना कैंप सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त दिख रहा है. उद्धव ठाकरे ने विधायकों की मुंबई में 22 तारीख को बैठक बुलाई है .इतना ही नहीं जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक पार्टी ने सभी विधायकों को तैयार रहने को कहा है ? वही राज्यसभा संसद संजय राउत मीडिया से कह चुके हैं कि अगले 5-6 दिनों में महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार बनेगी. क्या राउत पर विश्वास करना चाहिए क्योंकि ये वही संजय राउत है जिन्होंने कहा था कि शिवसेना के पास 170 विधायकों का समर्थन है लेकिन जब राज्यपाल ने सत्ता बनाने का न्योता दिया तो शिवसेना सरकार बनाने की इच्छा जताने के अलावा कुछ नहीं कर सकी.
महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओं का कहना है कि गोवा जैसा छोटा राज्य जब बीजेपी ने हाथ से नहीं गवाया तो महाराष्ट्र जहां बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, वहां क्या मौका हाथ से जाने देगी?
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Published: 20 Nov 2019,02:31 PM IST