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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के ‘संपर्क फॉर समर्थन’ अभियान के तहत पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ मुलाकात होनी है. लेकिन इस मुलाकात से पहले उद्धव ठाकरे ने पार्टी के मुख पत्र ‘सामना’ के जरिए बीजेपी कैंपेन की खिल्ली उड़ाई है.
शिवसेना एनडीए का हिस्सा है, लेकिन वह साफतौर पर साल 2019 के आम चुनावों में एनडीए से अलग होकर चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर चुकी है. हाल ही में महाराष्ट्र की दो लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी शिवसेना ने बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ा था.
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में उद्धव ठाकरे ने लिखा है, ‘बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने दम पर लोकसभा चुनाव में 350 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है, उनकी जिद को सलाम है.’
ठाकरे ने लिखा, ‘देश में पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों की वजह से महंगाई सातवें आसमान पर है. देश के किसान हड़ताल पर हैं, किसानों से सरकार का संपर्क टूट चुका है. लेकिन बीजेपी अध्यक्ष की जिद है कि वह अपने दम पर 350 सीटें जीतेंगे.’ किसानों के आंदोलन को लेकर ठाकरे ने लिखा कि सरकार ताकत के दम पर किसानों के आंदोलन को तोड़ने का प्रयास कर रही है.
ठाकरे ने लिखा है, ‘तेल की बढ़ती कीमतें, किसानों का आंदोलन. इन सब हालातों में पीएम मोदी विदेश में और बीजेपी चीफ अमित शाह देश में सम्पर्क कर रहे हैं. इसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है.’
इसके अलावा उद्धव ने अपने लेख में कुछ सवाल भी उठाए हैं. उद्धव ने लिखा है, ‘एनडीए के सभी पक्षों से अमित शाह क्यों मिल रहे हैं? कई जगहों पर उपचुनाव हारने के बाद ही क्यों?’
ठाकरे ने लिखा है कि इस संपर्क अभियान के जरिए बीजेपी सभी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की कोशिश तो कर सकती है, लेकिन वास्तव में सरकार और जनता के बीच का संपर्क टूट चुका है.
हाल ही में महाराष्ट्र की पालघर और भंडारा गोंदिया सीट पर हुए उपचुनाव को लेकर ठाकरे ने लिखा कि पालघर उपचुनाव में शिवसेना ने अपनी ताकत बीजेपी को दिखा दी है और अब 2019 में शिवसेना अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेगी.
ठाकरे ने लिखा है, ‘शिवसेना को किसी पोस्टर बॉय को जरूरत नहीं है. पालघर चुनाव में बीजेपी के पोस्टर से प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह गायब थे और उनकी जगह चिंतामणि वांगा की तस्वीर थी. लेकिन चुनाव जीतते ही वांगा की तस्वीर गायब हो गई.’
संपादकीय में शिवसेना प्रमुख ने लिखा है, ‘किससे संपर्क बनाना है और किससे तोड़ना है यह बीजेपी का 'व्यापारी गणित' है.’ उन्होंने सवाल करते हुए लिखा कि टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू ने बीजेपी से संपर्क तोड़ दिया है. ऐसे में क्या बीजेपी उनसे भी संपर्क अभियान में जाकर मिलेगी?
ठाकरे ने लिखा है कि बिहार में भी संपर्क घोटाला चल रहा है. नोटबंदी कि वकालत करने वाले नीतीश कुमार ने अब नोटबंदी के फायदों पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है.
शिवसेना प्रमुख ने लिखा है कि जिस तरह साम, दाम, दंड, भेद का इस्तेमाल कर बीजेपी ने पालघर चुनाव जीता है, उसी तरह साम, दाम, दंड, भेद का इस्तेमाल कर बीजेपी किसानों के आंदोलन को खत्म करने की कोशिश कर रही है.
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Published: 06 Jun 2018,11:47 AM IST