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सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद, शिवसेना (यूबीटी) ने शिंदे पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को नैतिक आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. वहीं महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कोर्ट के कमेंट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा-
वहीं सेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए इसे न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश के लिए एक ट्रेंडसेटर बताया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते, तो कोर्ट उन्हें बहाल कर सकती थी, लेकिन कोर्ट इस्तीफे को रद्द नहीं कर सकती. अदालत ने यह भी कहा कि राज्यपाल ने यह निष्कर्ष निकालकर गलती की कि उद्धव ठाकरे सदन में बहुमत खो चुके हैं.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह पूरी तरह से अवैध और असंवैधानिक सरकार है और (तत्कालीन) राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सभी फैसले गलत थे. वहीं राजस्थान के सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा-
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि, मैं सिर्फ संसदीय और विधायी परंपरा जानता हूं और उस हिसाब से मैंने तब जो कदम उठाए सोच-समझकर उठाए. जब इस्तीफा मेरे पास आ गया तो मैं क्या कहता कि मत दो इस्तीफा.
वहीं स्पीकर के फैसले पर पूर्व कानून और न्याय मंत्री में डॉ अश्विनी कुमार ने कहा कि अधिकारों को सुप्रीम कोर्ट ने सहमति दी है और राज्यपाल के फैसले को गलत बताया, क्योंकि उनके सामने कोई परिप्रेक्ष्य नहीं था, जिसके आधार पर वे अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर फ्लोर टेस्ट करें.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने खुद ही इस्तीफा दे दिया था, इसलिए उनकी सरकार को पुनर्स्थापित नहीं कर सकते.
वहीं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि उद्धव ठाकरे को दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता है, सदस्यता निरस्त किए जाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि स्पीकर के पास अधिकार है कि वे फैसला लें.
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