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कांग्रेस महासचिव हरीश रावत (Harish Rawat) के दो गुटों के बीच तनाव कम करने के लिए पंजाब के दौरे से पहले नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे ने रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अमरिंदर पर उनके बयान को चुनौती दी है. पंजाब कांग्रेस महासचिव परगट सिंह ने एक बयान में एक चुनौती पेश की थी कि हरीश रावत को यह बताना चाहिए कि यह कब तय हुआ कि पंजाब के चुनाव मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में लड़े जाएंगे. परगट सिंह ने कहा
हरीश रावत ने शनिवार को राहुल गांधी से मुलाकात की थी और उन्हें नवजोत सिंह सिद्धू के बयान के बाद वहां के हालात से अवगत कराया था. रावत का एक-दो दिन में पंजाब का दौरा करने का कार्यक्रम है और वह मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से बात करेंगे और दोनों नेताओं के बीच मतभेदों को सुलझाएंगे.
बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, पंजाब की स्थिति नियंत्रण में है, मैंने उन्हें राज्य की स्थिति से अवगत कराया है. सिद्धू ने पिछले हफ्ते अमृतसर में एक पार्टी समारोह में कहा था, अगर उन्हें अपनी आशा और विश्वास की नीति के मुताबिक काम करने की अनुमति दी जाती है, तो वह राज्य में 20 साल तक कांग्रेस का शासन सुनिश्चित करेंगे. सिद्धू ने कहा-
पंजाब मॉडल के बारे में बोलते हुए, सिद्धू ने कहा, पंजाब मॉडल का मतलब है कि लोग व्यापार, उद्योग और बिजली के लिए नीतियां बनाना हैं, यह बैठक कुछ विद्रोही विधायकों द्वारा सोनिया गांधी से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को हटाने के लिए दबाव बनाने के लिए समय मांगने के मद्देनजर हुई. रावत को पंजाब में दोनों पक्षों को संतुलित करने के लिए एक कठिन काम का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि सिद्धू और अमरिंदर सिंह आमने-सामने हैं.
इस बीच, अमरिंदर सिंह के विश्वासपात्र और कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने गुरुवार को अपने आवास पर रात्रिभोज का आयोजन किया.
रात्रिभोज में कुल 58 विधायक और आठ सांसद शामिल हुए और उन्होंने विश्वास जताया कि पार्टी अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में 2022 का चुनाव जीतेगी. सोढ़ी ने ट्वीट कर जानकारी दी, आज यात्रा शुरू हो गई है.
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Published: 30 Aug 2021,01:51 PM IST