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SP Lok Sabha Candidates List: लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव के एक बयान से समाजवादी पार्टी (SP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर तस्वीर साफ हो गई है. दरअसल, एसपी की तीसरी सूची जारी होने के बाद से ही गठबंधन पर संशय नजर आने लगा था जिसके बाद सपा प्रमुख ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात पर मुहर लगाई. बता दें कि तीसरी लिस्ट में सबसे अधिक चर्चा बदायूं सीट की है, जहां पर पार्टी ने वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव को अपना प्रत्याशी बनाया. पहली लिस्ट में यहां से बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया गया था.
एसपी का गढ़ कही जाने वाली बदायूं सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव में स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी और बीजेपी प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य ने धर्मेंद्र यादव को हराया था. समाजवादी पार्टी ने पहली बार शिवपाल यादव को इस सीट से प्रत्याशी बनाया. ऐसे में बदायूं में मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है.
वाराणसी से सुरेंद्र पटेल को टिकट देकर एसपी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन पर संशय की अटकलों को तेज कर दिया था. चर्चा थी कि गठबंधन होने की स्थिति में यह सीट कांग्रेस के खाते में आती और यहां से प्रदेश अध्यक्ष अजय राय चुनाव लड़ सकते थे.
तीसरी लिस्ट में बरेली से दो बार विधायक और एक बार सांसद रहे प्रवीण सिंह ऐरन को प्रत्याशी बनाया गया. लंबे समय तक कांग्रेस में रहे प्रवीण सिंह ऐरन और उनकी पत्नी सुप्रिया ऐरन 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस का दामन छोड़कर एसपी में शामिल हो गए थे.
पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (PDA) का नारा लेकर चुनावी मैदान में उतरी एसपी ने 16 प्रत्याशियों की अपनी पहली लिस्ट 30 जनवरी को जारी की थी. इसमें अधिकांश वह सीटें थीं जिसे एसपी के गढ़ के रूप में जाना जाता है.
पार्टी ने फिरोजाबाद में अक्षय यादव, मैनपुरी में डिंपल यादव, बदायूं से धर्मेंद्र यादव, संभल से शफीकुर्रहमान बर्क, उन्नाव से अनु टंडन और लखनऊ से रविदास मल्होत्रा को अपना प्रत्याशी बनाया. हालांकि इस लिस्ट में एक बदलाव अब किया गया है. 20 फरवरी को जारी पांच उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट में बदायूं से धर्मेंद्र यादव को हटाकर वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव को प्रत्याशी बनाया गया.
वहीं एसपी ने अपनी दूसरी मजबूत सीट फिरोजाबाद पर एक बार फिर राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव पर भरोसा दिखाया. 2019 लोकसभा चुनाव में अक्षय यादव को बीजेपी के चंद्रसेन जादौन से शिकस्त मिली थी. हालांकि उस समय समीकरण अलग थे. पार्टी में पड़ी फूट के कारण वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने इस सीट से अक्षय यादव के खिलाफ ताल ठोक दी थी. नतीजा यह हुआ कि यादव वोट बैंक में सेंध पड़ी और अक्षय यादव को हार का सामना करना पड़ा.
2024 लोकसभा चुनाव के लिए एसपी के 16 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में 11 प्रत्याशी पिछड़े वर्ग के हैं. पिछड़ी वर्ग के 11 प्रत्याशियों में चार कुर्मी, तीन यादव, दो शाक्य और एक निषाद प्रत्याशी हैं. इसके अलावा एक दलित और एक मुस्लिम चेहरे को भी पहले लिस्ट में जगह मिली है. सामान्य फैजाबाद सीट पर पार्टी ने दलित वर्ग के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद को मौका दिया है.
एटा लोकसभा सीट, जहां पिछली बार पार्टी ने यादव चेहरा खड़ा किया था, वहां इस बार शाक्य बिरादरी के प्रत्याशी को मौका दिया गया है. इस लिस्ट में रविदास मल्होत्रा समेत तीन विधायकों को प्रत्याशी बनाया गया है. वीआईपी सीट गोरखपुर में पार्टी ने युवा चेहरे काजल निषाद पर दांव लगाया है.
एसपी ने अपने दूसरे लिस्ट में 11 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की. इसमें सबसे ज्यादा चर्चित नाम जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी का है. 2019 लोकसभा चुनाव में अफजाल अंसारी ने BSP की टिकट पर गाजीपुर से चुनाव जीता था. इस बार एसपी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है. इस लिस्ट में पांच सुरक्षित लोकसभा सीट- शाहजहांपुर, लालगंज, हरदोई, बहराइच और मिश्रिख पर पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. जाति समीकरण की बात करें तो इस लिस्ट में चार पिछड़े वर्ग, पांच अनुसूचित जाति, एक मुस्लिम और एक क्षत्रिय प्रत्याशी के नाम की घोषणा की गई है.
एसपी द्वारा घोषित अगर अब तक की तीनों लिस्ट की बात करें तो इसमें डिंपल यादव, अनु टंडन समेत 6 महिला उम्मीदवारों को पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है. युवा चेहरों की बात करें तो पहली लिस्ट में गोरखपुर से काजल निषाद को प्रत्याशी बनाने के बाद दूसरी लिस्ट में पार्टी ने गोंडा से श्रेया वर्मा को टिकट दिया है. पार्टी में महिला कार्यकारिणी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रेया वर्मा एसपी के कद्दावर नेता, स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा की पोती हैं.
तीसरी लिस्ट में पार्टी ने कैराना से इकरा हसन को अपना प्रत्याशी घोषित किया. दो परिवारों की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते यह सीट हमेशा चर्चा में रहती है. लंदन से पढ़ाई कर राजनीति में एंट्री करने वाली इकरा राजनीति घराने से ताल्लुक रखती हैं. ये मरहूम सांसद मुनव्वर हसन की बेटी हैं और इनकी मां तबस्सुम हसन भी कैराना से दो बार सांसद रह चुकी हैं.
एसपी से विधायक नाहिद हसन की छोटी बहन इकरा हसन काफी दिनों से राजनीति में सक्रिय हैं. 2022 विधानसभा चुनाव की दौरान भाई नाहिद हसन के जेल जाने के बाद इकरा हसन की सक्रियता राजनीति में बढ़ी है. 2019 में इस सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी प्रदीप मालिक ने आरएलडी से चुनाव लड़ रही तबस्सुम हसन को हराया था. 2014 में हुकुम सिंह ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीता था. उनके देहांत के बाद 2018 में उनकी बेटी मृगांका सिंह ने उपचुनाव में जीत दर्ज की थी.
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Published: 20 Feb 2024,11:14 PM IST