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इलेक्टोरल बॉन्ड पर क्‍विंट का खुलासा: ये रही फोरेंसिक लैब रिपोर्ट

द क्विंट ने एसबीआई से अप्रैल के पहले सप्ताह में खरीदे थे इलेक्टोरल बांड, जिसमें छिपे है अल्फान्यूमेरिक नंबर 

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 इलेक्टोरल बॉन्ड में मौजूद अल्फान्यूमेरिक नंबर नंगी आंखों से नहीं दिखता
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इलेक्टोरल बॉन्ड में मौजूद अल्फान्यूमेरिक नंबर नंगी आंखों से नहीं दिखता
(फोटो: श्रुति माथुर/ द क्विंट)

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राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए मोदी सरकार की ओर से लाए गए इलेक्टोरल बॉन्ड में 'अल्फा-न्यूमेरिक नंबर' छिपे हुए हैं. द क्विंट को इसका पता चला इलेक्टोरल बॉन्ड की लैब टेस्टिंग से. इलेक्टोरल बॉन्ड लाने के वक्त ये बताया गया था कि बॉन्‍ड के जरिए कौन किसको चंदा दे रहा है, इसकी जानकारी डोनर के अलावा और किसी को नहीं होगी. लेकिन इलेक्टोरल बॉन्ड में 'अल्फा-न्यूमेरिक नंबर' छिपे हुए हैं, जिन्‍हें नंगी आंखों से देख पाना मुमकिन नहीं है दावे के उलट, इससे ये पता चलता है कि किसने किसको भुगतान किया है.

अप्रैल के पहले सप्ताह में भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं से खरीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड का लैब टेस्ट कराया गया. टेस्ट से पता चला बॉन्ड के दाएं ओर बिल्कुल ऊपर अल्फान्यूमेरिक नंबर है, जिसे नंगी आंखों से नहीं लेकिन अल्ट्रावॉयलेट रोशनी में साफ देखा जा सकता है.

फोरेसिंक लैब की दोनों रिपोर्ट यहां पेश है.

छिपे हुए अल्फान्यूमेरिक नंबर

फोरेंसिक रिपोर्ट में जिस पहली चीज पर गौर किया गया है, वह है अल्फन्यूमेरिक नंबर जो हर बॉन्ड के दाहिने ओर ऊपर लिखा है और नंगी आंखों से नहीं दिखता है. द क्विंट की ओर से खरीदे गए पहले इलेक्टोरल बॉन्ड पर OT 015101 और दूसरे बांड पर OT 015102 पर लिखा है.

एक बांड 5 अप्रैल और दूसरा 9 अप्रैल को खरीदा गया था. जब इलेक्टोरल बॉन्ड को अल्ट्रावॉयलेट रोशनी से गुजारा गया तो नंबर साफ दिखे. इसके अलावा यूवी रोशनी से गुजारने पर भारतीय स्टेट बैंक का लोगो भी साफ दिखता है.
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बॉन्ड के बॉर्डर पर छपा है एसबीआई

इलेक्टोरल बॉन्ड ऑफिशियल तौर पर भारतीय स्टेट बैंक से खरीदा गए थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि बॉन्ड पेपर जिस बॉर्डर से घिरा है उस पर छोटे अक्षरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया लिखा है. यह तब दिखेगा जब आप इसको मैग्नीफाइंग ग्लास से देखेंगे.

इसके अलावा डॉक्यूमेंट में आपको लाल और हरे रंग के पेपर फाइबर दिखेंगे. लेकिन नंगी आंखों से ये आपको दिखाई नहीं पड़ेंगे. इसके लिए भी बॉन्ड को यूवी लाइट से गुजारना होगा.

अशोक स्तंभ का वाटरमार्क भी देख सकते हैं

द क्विंट की ओर से खरीदे गए दोनों इलेक्टोरल बांड पर अशोक स्तंभ का वाटर मार्क देखा जा सकता है. यह भी यूवी लाइट में दिखा. सिक्यूरिटी प्रिटिंग में भी एसबीआआई लिखा है. यह डॉक्यूमेंट के नीचे लिखा है. डॉक्यूमेंट के बैंकग्राउंड सिक्यूरिटी प्रिंटिग को भी इन्फ्रारेड किरणों में देखा जा सकता है. इससे इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि होती है

ये भी पढ़ें - चुनावी बॉन्ड में सीक्रेट कोड, किसको दिया चंदा जान लेगी सरकार

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Published: 12 Apr 2018,06:40 PM IST

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