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लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के विधायकों और नेताओं के पाला बदलने का सिलसिला जारी है. बुधवार को तृणमूल विधायक मनीरूल इस्लाम और पूर्व विधायक गदाधर हाजरा समेत चार नेता बीजेपी में शामिल हो गए.
एक दिन पहले मंगलवार को भी तृणमूल के दो विधायक, सीपीएम के एक विधायक और टीएमसी के 50 से ज्यादा पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी के सेंट्रल ऑफिस में पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और बीजेपी नेता मुकुल रॉय की मौजूदगी में तृणमूल के इन नेताओं ने सदस्यता ली थी.
कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल रॉय ने मीडिया से कहा, "सभी को मालूम है कि बंगाल में जो हिंसा हुई है, वह तृणमूल कांग्रेस के लोगों की ओर से राज्य सरकार के समर्थन से की जा रही है." ये पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से इंकार किया है, विजयवर्गीय ने कहा कि वो नहीं आने का बहाना ढूंढ रही थीं और वह उनको मिल गया है.
विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी का संघीय ढांचे में पहले भी विश्वास नहीं रहा है और प्रधानमंत्री पर वह पहले भी टिप्पणी कर चुकी हैं. पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन और तृणमूल को पिछले चुनाव की तुलना में काफी नुकसान होने के घटनाक्रम के बीच बीजेपी और टीएमसी में आरोप प्रत्यारोप का दौर काफी पहले से ही शुरू हो चुका है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 30 मई को नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की रजामंदी देने के बाद बुधवार को समारोह में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है.
ममता बनर्जी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘मेरी योजना थी कि समारोह में जाऊंगी लेकिन मैं मीडिया रिपोर्ट देख रही हूं जिसमें बीजेपी दावा कर रही है कि बंगाल में हुई राजनीतिक हिंसा में 54 लोग मारे गए. ये झूठ है. बंगाल में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है. ये हत्याएं आपसी रंजिश, पारिवारिक झगड़े या अन्य विवाद के कारण हुई है. ये राजनीति से जुड़े मामले नहीं है. हमारे पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है. इसलिये मुझे खेद है मोदी जी कि मैं समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी.’
पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बीच पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को कहा था कि प्रदेश में सात चरणों में हुए चुनाव की तरह ही अगले महीने से सात चरणों में तृणमूल कांग्रेस विधायकों और नेताओं को बीजेपी में शामिल करने का कार्यक्रम होगा.
बता दें, 2016 में पश्चिम बंगाल में 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 211 सीटों पर जीत मिली थी जबकि बीजेपी को सिर्फ तीन सीट हासिल हुई थी. इसके बाद से बीजेपी लगातार मजबूत होती जा रही है.
तृणमूल कांग्रेस में सेंध लगाने में मुकुल रॉय की भूमिका मानी जा रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन में मुकुल रॉय प्रमुख लीडरों में रहे हैं. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीती जबकि तृणमूल कांग्रेस की सीटों की संख्या घटकर 22 पर आ गई.
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