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पूर्वोत्तर में चला मोदी मैजिक, सिस्टर स्टेट में खिला कमल

2014 लोकसभा चुनाव के बाद से नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में बीजेपी का बढ़ा जनाधार

प्रसन्न प्रांजल
पॉलिटिक्स
Updated:
पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने पूर्वोत्तर में भी किया कमाल
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पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने पूर्वोत्तर में भी किया कमाल
(फोटो: Reuters)

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त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड के चुनाव परिणाम में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन से पूर्वोत्तर भारत में भगवा फहराने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य काफी हद तक पूरा हो गया है. 2014 में केंद्र में मोदी सरकार आने से पहले असम को छोड़कर नॉर्थ ईस्ट के बाकी राज्यों में बीजेपी का जनाधार खास नहीं था. लेकिन उसके बाद से बीजेपी एक एक करके राज्य हासिल करती चली गई.

नगालैंड और मेघालय में सरकार बनाने की कोशिश

मेघालय में कांग्रेस को बहुमत हासिल नहीं हो पाया है. और खबरों के मुताबिक, बीजेपी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) से बात कर सरकार बनाने की कोशिश में जुट गई है. एनपीपी और अन्य के साथ मिलकर अगर बीजेपी यहां भी सरकार बनाने में कामयाबी हासिल कर लेती है तो सिस्टर स्टेट के 6 राज्यों में बीजेपी और उसके सहयोगियों की सरकार होगी.

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असम में बहुमत के साथ सरकार

2016 में असम में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पहली बार असम की सत्ता पर कब्जा करने के साथ-साथ नॉर्थ ईस्ट में सरकार बनाकर दस्तक दी. बीजेपी ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर एक दशक से चले आ रहे कांग्रेस के शासन का अंत किया और सर्बानंद सोनोवाल को राज्य की बागडोर सौंपी.

सर्बानंद सोनोवाल को मिली असम की बागडोर ( फाइल फोटो: PTI)

मणिपुर में भी सत्ता पर काबिज

मार्च 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मणिपुर में पहली बार सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की. 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में में कांग्रेस ने 28 सीटें हासिल की, जबकि बीजेपी को महज 21 सीटें ही मिली. बहुमत हासिल नहीं करने के बावजूद भी बीजेपी ने अन्यों के समर्थन से राज्य में सरकार बना ली और एन बीरेन सिंह को सीएम बनाया.

बीच में खड़े बीरेन सिंह मणिपुर के अगले मुख्यमंत्री होंगे (फोटो: पीटीआई)

अरुणाचल प्रदेश में सियासी उठापठक का मिला फायदा

अरुणाचल प्रदेश में हुए राजनीतिक उठा-पठक के बीच दिसंबर 2016 में बीजेपी सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की. सियासी उठापटक के बीच पहले पेमा खांडू कांग्रेस छोड़ पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश में शामिल हुए और फिर बीजेपी में चले गए.

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सिक्किम में सहयोगी की सरकार

सिक्किम सेवन सिस्टर में तो नहीं आता. लेकिन ये भी पूर्वोत्तर का एक प्रमुख राज्य है. फिलहाल यहां की विधानसभा में बीजेपी का एक भी विधायक नहीं है. लेकिन राज्य में सत्ताधारी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट केंद्र सरकार में एनडीए का हिस्सा है. इस तरह अपरोक्ष रूप से यहां भी बीजेपी की मौजूदगी है.

अब अगला लक्ष्य मिजोरम

नॉर्थ ईस्ट में अपनी पकड़ मजबूत कर रही बीजेपी का अगला लक्ष्य अब मिजोरम है. सेवेन सिस्टर के नाम से मशहूर नॉर्थ ईस्ट के इस राज्य में फिलहाल कांग्रेस की सरकार है. लेकिन 40 सीटों वाली मिजोरम विधानसभा के लिए इसी साल नवंबर में चुनाव होंगे. ऐसे में त्रिपुरा में दो तिहाई बहुमत हासिल करने के बाद अब बीजेपी मिजोरम पर कब्जा जमाने की तैयारी करेगी.

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बीजेपी दफ्तर के बाहर जश्न(फोटोः @shadabmoizee)

2014 से ही कोशिशों में जुटी बीजेपी

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, 2014 के बाद से ही बीजेपी नॉर्थ ईस्ट के सभी सात राज्यों में अपना परचम लहराने की कोशिशों में जुट गई थी.

2016 में हुए असम चुनाव में भारी जीत और फिर मणिपुर में सरकार के गठन से बीजेपी का मनोबल काफी ऊंचा था. इसके बाद पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिशों में जुट गई.

इन राज्यों में पकड़ मजबूत बनाने से एक तो बीजेपी का मनोबल बढ़ेगा, वहीं 2019 लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को इन इलाकों में फायदा मिल सकता है. साथ ही सत्ता पर काबिज होने से अन्य विपक्षी दलों का सूपड़ा भी साफ हो रहा है.

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Published: 03 Mar 2018,07:10 PM IST

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