मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019CAA प्रदर्शन और मोदी सरकार के काम पर ट्विटर पोल क्यों हुए डिलीट?

CAA प्रदर्शन और मोदी सरकार के काम पर ट्विटर पोल क्यों हुए डिलीट?

सद्गगुरु जग्गी वासुदेव की संस्था ईशा फाउंडेशन ने भी एक पोल किया था

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Updated:
CAA-NRC पर हो रहे प्रदर्शन के बीच कई ऑनलाइन पोल किए गए लेकिन नकारात्मक नतीजे आने के बाद उन्हें डिलीट भी कर दिया गया
i
CAA-NRC पर हो रहे प्रदर्शन के बीच कई ऑनलाइन पोल किए गए लेकिन नकारात्मक नतीजे आने के बाद उन्हें डिलीट भी कर दिया गया
(फोटोः PTI/Twitter Screenshot/Altered by The Quint)

advertisement

बीते कुछ हफ्तों से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर देशभर में हो रहे विरोध-प्रदर्शन के बीच कई संस्थाओं और यूजर्स ने सोशल मीडिया पर इन आंदोलनों को लेकर पोल कर रहे हैं. खास बात ये है कि इनमें से कुछ पोल कुछ ही देर बाद डिलीट भी कर दिए गए.

इसी तरह का एक ऑनलाइन पोल सद्गुरु जग्गी वासुदेव की संस्था ईशा फाउंडेशन ने ट्विटर पर शुरू किया था. 30 दिसंबर को शुरू किए गए इस पोल में यूजर्स से पूछा गया था कि क्या उनके मुताबिक CAA-NRC के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन सही हैं? इस पोल के साथ ही सद्गुरु का वीडियो भी पोस्ट किया गया था, जिसमें वो दोनों कानूनों के बारे में बता रहे हैं.

हालांकि शाम तक ये पोल ईशा फाउंडेशन के ट्विटर अकाउंट से गायब हो चुका था. लेकिन ट्विटर यूजर्स ने इस पोल के स्क्रीनशॉट लेकर उन्हें पोस्ट करना शुरू कर दिया, जिसमें दिख रहा था कि 62 फीसदी लोगों ने विरोध-प्रदर्शनों के समर्थन में वोट किए थे, जबकि 38 फीसदी ने इन प्रदर्शनों को गलत ठहराया.
सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन का किया गया पोल(फोटोः ट्विटर)

ऐसा ही एक ट्विटर पोल हिंदी अखबार दैनिक जागरण के अकाउंट से भी शुरू किया गया था. इसमें सवाल था- ‘क्या सीएए का विरोध वोट बैंक की राजनीति का नतीजा है?’ यहां भी प्रदर्शन के समर्थक हावी रहे. 54 फीसदी यूजर्स ने इसका जवाब ‘ना’ में दिया. हालांकि जागरण ने अपना पोल नहीं हटाया.

दैनिक जागरण के पोल में भी CAA पर लोगों की राय मांगी गई थी(फोटोः ट्विटर)
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इसी तरह जी न्यूज के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी ने भी 24 दिसंबर को अपने ट्विटर अकाउंट पर एक पोल शुरू किया था और पूछा कि क्या भारत की जनता CAA का समर्थन करती है या नहीं? मंगलवार तक इस पोल में 52 फीसदी यूजर्स ने CAA के खिलाफ वोट किया.

सुधीर चौधरी ने 24 दिसंबर को ये पोल किया था(फोटोः ट्विटर)

ऐसा ही एक पोल सुधीर चौधरी ने फेसबुक अकाउंट पर भी किया था और वहां भी 64 फीसदी वोट इसके खिलाफ पड़े.

सुधीर चौधरी ने CAA पर फेसबुक पोल के जरिए भी राय जाननी चाही(फोटोः फेसबुक)

लेकिन 4 दिन बाद चौधरी ने दावा किया कि उनके ट्विटर पोल के साथ छेड़छाड़ की गई है और कहा कि ट्रोल्स ने असली जनता की राय को हाईजैक कर लिया है.

मोदी सरकार के काम-काज पर पोल डिलीट

सोमवार को ही एक अलग विषय पर बिजनेस न्यूज चैनल सीएनबीसी-आवाज ने भी अपने ट्विटर हैंडर पर एक पोल किया. इसमें यूजर्स से सवाल पूछा गया- ‘मोदी 2.0 के कामकाज से आप खुश हैं?’ लेकिन कुछ ही देर में ये पोल भी डिलीट कर दिया गया.

CNBC-आवाज ने मोदी सरकार के कामकाज पर लोगों की राय मांगी थी(फोटोः ट्विटर)

फिर भी कई लोगों ने इसका स्क्रीनशॉट पोस्ट किया और उसमें दिख रहा था कि 62 फीसदी लोगों ने पोल में पूछे गए सवाल का जवाब ‘नहीं’ में दिया था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 31 Dec 2019,01:25 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT