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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राज्य में कांग्रेस और एनसीपी के साथ उनकी गठबंधन सरकार में रिमोट कंट्रोल जैसा कुछ नहीं है. शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए गए इंटरव्यू के दौरान उन्होंने यह बात कही.
उद्धव से पूछा गया था कि (महाराष्ट्र) सरकार का रिमोट कंट्रोल किसी दूसरे के पास है क्या? इसके जवाब में उद्धव ने कहा, '
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''अपने अनुभव से वह (शरद पवार) निश्चित ही मेरा मार्गदर्शन करते हैं. मान लीजिए कोई मुद्दा होगा तो मैं भी उनका मार्गदर्शन लेता हूं.''
शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन यानी महाविकास आघाड़ी के भविष्य से जुड़े सवाल के जवाब में उद्धव ने कहा, ''महाविकास आघाड़ी के साथ-साथ महाराष्ट्र का भी भविष्य उज्ज्वल है.'' इस गठबंधन के भविष्य में आगे बढ़ने को लेकर उन्होंने कहा, ''बढ़ने में हर्ज क्या है? और न बढ़ें, इसकी वजह क्या है? अगर तीनों ने एक-दूसरे की मर्यादाएं पहचान ली होंगी तो अपनी सीमा में ज्यादा से ज्यादा पायदान या मंजिल सहज ही हासिल कर सकते हैं, लेकिन कोई क्षमता से बाहर कुछ करने की कोशिश करेगा तो वो गिर पड़ता है.''
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर उद्धव ने कहा, ''मूलरूप से CAA के बारे में जो गलतफहमी है, उसे पहले दूर करना चाहिए. देश के किसी भी नागरिक को बाहर निकालने का कानून CAA नहीं है.''
सामना के कार्यकारी संपादक और शिवसेना सांसद संजय राउत को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा,
जब उद्धव से पूछा गया कि 'कई राज्यों ने केंद्र के विरोध में प्रस्ताव पास किया है कि हम CAA लागू नहीं करेंगे. क्या महाराष्ट्र इस तरह का प्रस्ताव पास करेगा?' इसके जवाब में उन्होंने कहा, ''इसकी जरूरत नहीं है. इसका कारण यह है कि मैं एक बार फिर कहता हूं कि यहां किसी को भी घर से बाहर निकालना CAA के अंतर्गत नहीं आता...लेकिन केंद्र को जिम्मेदारी स्वीकार करके जो बाहर से आने वाले हैं, उनके घर-बार की समस्या हल करनी होगी.''
इंटरव्यू के दौरान उद्धव ने कहा, ''एक कानून है जिसकी चर्चा नहीं होगी या हो नहीं रही है. वो है (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) NRC. ये कानून केवल मुसलमानों के लिए तकलीफदायक नहीं है. मूलरूप से ये कानून आएगा ही नहीं. हम उसे आने नहीं देंगे. NRC कानून को अमल में लाने का अगर BJP ने तय किया है तो केवल मुसलमानों को ही तकलीफ नहीं होगी, बल्कि आपको, हमें और देश के हिंदुओं को, उसी तरह सभी धर्मों के लोगों को तकलीफ होगी.''
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, ''मैंने NRC का विरोध किया, मतलब मैं राष्ट्रद्रोही और आपने समर्थन दिया, मतलब आप देशभक्त, ऐसा नहीं है. NRC आया तो आपको भी नागरिकता सिद्ध करने के लिए लाइन में खड़ा होना होगा. आदिवासियों का क्या होगा? जंगल और पहाड़ में रहने वाले आदिवासी कहां से जन्म का सबूत लाएंगे? आदिवासियों को जब ये पता चलेगा, तब वो भी सड़कों पर उतरेंगे. इस देश में बहुसंख्यक हिंदू हैं और NRC से सबसे ज्यादा परेशानी हिंदुओं को होगी.''
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Published: 05 Feb 2020,01:28 PM IST