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''मैं कभी नहीं कहती हूं कि लोधी हो तो बीजेपी को वोट करो… आपको अपना हित देखना है" ये बयान मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का है. उन्होंने 25 दिसम्बर को लोधी समाज के एक कार्यक्रम में कहा कि आप (लोधी समाज) किसी भी राजनीतिक बंधन से मुक्त हैं.
उमा भारती के इस बयान का वीडियो वायरल हो रहा है और प्रदेश बीजेपी में जो हालात बने हुए हैं, उसमें उमा भारती का यह बयान पार्टी के लिए नुकसानदेह हो सकता है. उमा भारती ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ एक अनकहा मोर्चा खोल रखा है.
शराब बंदी को लेकर शिवराज सरकार के खिलाफ धरना देने से लेकर, शराब दुकान में पत्थर फेंकने तक, उमा भारती ने अपनी अहमियत बरकरार रखने की कोशिशों में कोई कमी नहीं आने दी है. कई बार तो खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी झुकना पड़ा है. यहां तक कि चौहान ने एकाध बार खुलकर उमा भारती का समर्थन करने और शराब बंदी में साथ देने की बात कही है.
2003 में जब बीजेपी ने कांग्रेस को मध्यप्रदेश में हराकर सत्ता हासिल की तो तेज तर्रार नेता उमा भारती को मुख्यमंत्री बनाया गया. गिने चुने 2 साल के अंदर ही बीजेपी ने उमा को हटाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी शिवराज के झोली में डाल दी.
2005 से शिवराज सिंह चौहान सत्ता की चाभी संभाले हुए हैं. कांग्रेस से विधायकों को तोड़कर 2020 में सत्तापलट कर वापस सत्ता में आने के बाद भी शिवराज को ही मुख्यमंत्री पद मिला और अभी हाल फिलहाल में उनका कोई विकल्प मिलना आसान नहीं लग रहा है.
मध्यप्रदेश में लोधी समाज बीजेपी का कोर वोटर है और बीते कई चुनावों में बीजेपी के लिए अमूल्य सहयोग देता रहा है. लेकिन हाल ही में उमा भारती के रिश्तेदार ओबीसी नेता प्रीतम सिंह लोधी को बीजेपी ने उनके ब्राह्मण विरोधी बयान के बाद पार्टी से निष्कासित कर दिया था. ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी के इस कदम के चलते लोधी समाज में नाराजगी फैली है.
बीजेपी नेता उमा भारती के इस बयान के बाद कांग्रेस प्रवक्ता आनन्द जाट ने कहा कि बीजेपी अपने ही नेताओं को नजरंदाज और बेइज्जत कर रही है और इसका खामियाजा उसे 2023 में भुगतना पड़ेगा.
कुल मिलाकर बीजेपी के कोर वोटर समूह लोधी समाज में व्याप्त नाराजगी और अब उमा भारती का यह बयान कि लोधी समाज अपना हक देखे, और वह किसी भी राजनीतिक बंधन से मुक्त है, बीजेपी के लिए मुसीबत बन सकता है. एक वर्ष से भी कम समय में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में ओबीसी समूह का छिटकना भारी पड़ सकता है
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