मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019UP चुनाव: रूठे इमरान मसूद को अखिलेश यादव ने कैसे मनाया?

UP चुनाव: रूठे इमरान मसूद को अखिलेश यादव ने कैसे मनाया?

कांग्रेस का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं इमरान मसूद

पीयूष राय
पॉलिटिक्स
Updated:
<div class="paragraphs"><p>UP चुनाव: रूठे इमरान मसूद को अखिलेश यादव ने कैसे मनाया?</p></div>
i

UP चुनाव: रूठे इमरान मसूद को अखिलेश यादव ने कैसे मनाया?

(फोटो- अल्टर्ड बाई क्विंट हिन्दी)

advertisement

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सहारनपुर में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के टिकट बंटवारे से रूठे इमरान मसूद (Imran Masood) को पार्टी ने फिर मना लिया है. नए समीकरण में इमरान के करीबी विवेक कांत को रामपुर मनिहारान सीट से राष्ट्रीय लोक दल का प्रत्याशी बनाया गया है. इसके अलावा इमरान के दूसरे करीबी नेता को एसपी का सहारनपुर जिला अध्यक्ष बनाया गया है, जिसकी घोषणा समाजवादी पार्टी ने आधिकारिक तौर पर भी कर दी है.

पिछले कई दिनों से चर्चाओं का बाजार गर्म था कि इमरान मसूद को एमएलसी बनाने से लेकर सरकार बनने पर कैबिनेट में जगह देने तक का पार्टी ने वायदा किया था.

लेकिन इमरान मसूद चुनाव लड़ने पर अड़े हुए थे. बहरहाल अभी तक यह बात निकलकर सामने नहीं आ पाई है कि इमरान मसूद के दो करीबियों को में से एक को टिकट और दूसरे को जिला अध्यक्ष बनाने के अलावा इमरान को समाजवादी पार्टी ने किस बात का वादा किया है.

कहां फंसा था पेच?

कांग्रेस का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले इमरान मसूद के आने से पार्टी की स्थिति सहारनपुर क्षेत्र में और मजबूत होती हुई नजर आ रही थी. इमरान का अल्पसंख्यकों में अच्छा जनाधार है और कई सालों तक कांग्रेस में रहने के बावजूद वह चुनाव नहीं जीत पा रहे थे. लेकिन सीटों के समीकरण को लेकर इमरान मसूद से एसपी की बात भी बिगड़ने लगी थी. इमरान सहारनपुर की नकुड विधानसभा सीट से लड़ना चाहते थे, जिस पर बीजेपी से एसपी में आए पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी का टिकट कर दिया गया.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
सैनी ने इमरान मसूद को दो बार इस सीट से पटखनी दी है, ऐसे में एसपी इमरान को ऐसा चेहरा नहीं मान रही थी जो उस सीट से जीत हासिल कर सकें.

दूसरी तरफ इमरान मसूद के करीबी मसूद अख्तर का टिकट भी कन्फर्म होता हुआ नजर नहीं आ रहा था. सहारनपुर देहात सीट से मसूद अख्तर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन वहां पर पार्टी ने मुलायम सिंह यादव के करीबी आशु मलिक को टिकट दे दिया. इन दोनों सीटों पर बात बिगड़ते देख अटकलें लगाई जा रही थी कि इमरान या तो फिर से कांग्रेस में वापस जा सकते हैं या साइकिल से कूदकर हाथी की सवारी भी कर सकते हैं. लेकिन अब सारी अटकलों पर पानी फेरते हुए इमरान मसूद ने एसपी में ही रहने का फैसला किया है.

अखिलेश को क्यों जरूरी है इमरान का साथ?

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के समर्थकों के बीच कई जगह पर टकराव की स्थिति बनी हुई है. वही मुजफ्फरनगर की बात करें तो समाजवादी पार्टी ने एक भी मुस्लिम चेहरा चुनावी मैदान में नहीं उतारा है.

जानकारों की मानें तो यह अखिलेश द्वारा चली गई चुनावी दांव का एक हिस्सा है कि विपक्ष उनको या उनकी पार्टी को किसी एक समुदाय से जोड़कर ध्रुवीकरण की राजनीति ना कर सके. लेकिन जमीनी स्तर पर बात करें तो मुजफ्फरनगर में प्रत्याशियों के चुनाव पर मुस्लिम वोटरों में नाराजगी है. हालांकि वह भी दबी जुबान में बात कर रहे हैं और इसका कहीं भी मुखर विरोध नहीं हुआ है.

बता दें कि बगल के जिले सहारनपुर में इमरान मसूद के पार्टी में आने से अल्पसंख्यक वोटरों को लुभाने के लिए अखिलेश यादव को एक मजबूत चेहरा जरूर मिल गया है. जानकारों का मानना है कि इमरान और अखिलेश के इस गठबंधन में दिल तो नहीं मिले हैं लेकिन बीजेपी को हराने के लिए दोनों अब एकजुट हो रहे हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 22 Jan 2022,12:54 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT