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उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि अखिलेश यादव के बंगला खाली करने से पहले हुई तोड़फोड़ मामले में कार्रवाई की जाए. राजभवन के एक प्रवक्ता ने कहा कि राज्यपाल ने पत्र में लिखा है कि , ''अखिलेश यादव को चार, विक्रमादित्य मार्ग पर आवंटित आवास को खाली किये जाने से पहले उसमें की गई तोड़फोड़ और उसे क्षतिग्रस्त किये जाने का मामला मीडिया और लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.''
पत्र में लिखा गया है ''ये एक गंभीर मामला है, यूपी के पूर्व सीएम को आवंटित किए गए आवास राज्य संपत्ति के कोटे में आते हैं. जिनका निर्माण और रख-रखाव लोगों के टैक्स के पैसे से होता है.'' उन्होंने कहा कि राज्य की संपत्ति को नुकसान हुआ है और राज्य सरकार इस मामले में उचित कार्रवाई करे. प्रवक्ता के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित बंगलों की वीडियोग्राफी कराई गई है और चार, विक्रमादित्य मार्ग स्थित सरकारी आवास में तोड़फोड़ होने की बात भी सामने आई है.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकारी बंगला खाली तो कर दिया है. लेकिन इसके साथ ही वो विवाद में भी घिर गए हैं. लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित बंगले को खाली करने के बाद जब अधिकारी जांच के लिए उनके बंगले में घुसे तो सन्न रह गए.
अखिलेश यादव के बंगले में टूट-फूट के निशान सभी जगह मौजूद थे. गेट से दाखिल होने पर पैदल चलने के लिए घास के बीच लगी टाइल्स उखाड़ ली गई हैं. मकान के भीतर लगे इटैलियन मार्बल उखड़े हुए हैं. जिस साइकिल ट्रैक पर खुद अखिलेश यादव साइकिल चलाया करते थे उसकी टाइल्स तोड़ दी गई हैं.बंगले के अंदर लगे स्विच बोर्ड से लेकर एसी, पंखा, लाइट्स सभी कुछ उखाड़ लिया गया है.
अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्री रहते हुए 4, विक्रमादित्य मार्ग पर यह बंगला बनवाया था. उन्हें अपनी हार का अंदाजा था, इसलिए सत्ता में रहते हुए उन्होंने बंगले को सजाने-संवारने के लिए राज्य सम्पत्ति विभाग से दो किस्तों में 42 करोड़ रुपये जारी करवाए थे. मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद अखिलेश इसी बंगले में शिफ्ट हो गए.
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Published: 12 Jun 2018,09:59 PM IST