ADVERTISEMENTREMOVE AD

तो क्या इसी टूटे-फूटे बंगले में रहते थे पूर्व सीएम अखिलेश यादव? 

अखिलेश यादव के बंगले में टूट-फूट के निशान सभी जगह मौजूद थे, सारी तस्वीरें देखिए

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकारी बंगला खाली तो कर दिया है. लेकिन इसके साथ ही वो विवाद में भी घिर गए हैं. लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित बंगले को खाली करने के बाद जब अधिकारी जांच के लिए उनके बंगले में घुसे तो सन्न रह गए. बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव जाते-जाते साज-सज्जा का सारा सामान भी उखाड़ ले गए हैं. बंगले में बड़े पैमाने पर तोड़ फोड़ की गई है. जबकि समाजवादी पार्टी से इन आरोपों को बीजेपी की साजिश बता रही है. उसके मुताबिक ऐसा अखिलेश यादव को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बंगले में सभी जगह तोड़-फोड़ के निशान

अखिलेश यादव के बंगले में टूट-फूट के निशान सभी जगह मौजूद थे. गेट से दाखिल होने पर पैदल चलने के लिए घास के बीच लगी टाइल्स उखाड़ ली गई हैं. मकान के भीतर लगे इटैलियन मार्बल उखड़े हुए हैं. जिस साइकिल ट्रैक पर खुद अखिलेश यादव साइकिल चलाया करते थे उसकी टाइल्स तोड़ दी गई हैं.

अखिलेश यादव के बंगले में टूट-फूट के निशान सभी जगह मौजूद थे, सारी तस्वीरें देखिए
अखिलेश यादव के बंगले में टूट-फूट के निशान सभी जगह मौजूद थे
(फोटो: क्विंट हिंदी)

बंगले के अंदर लगे स्विच बोर्ड से लेकर एसी, पंखा, लाइट्स सभी कुछ उखाड़ लिया गया है.

अखिलेश यादव के बंगले में टूट-फूट के निशान सभी जगह मौजूद थे, सारी तस्वीरें देखिए
बंगले के अंदर लगे स्विच बोर्ड से लेकर एसी, पंखा, लाइट्स सभी कुछ उखाड़ लिया गया है.
(फोटो: क्विंट हिंदी)

बैटमिंटन कोर्ट की वुडेन फ्लोरिंग तोड़ दी गई है. अखिलेश ने अपने और परिवार के लिए जो स्वीमिंग पूल बनवाया था उसकी टाइल्स तोड़ कर उसमें कूड़ा-कचरा डाल दिया गया है. ऐसा लगता है जैसे सबकुछ बेहद गुस्से और खुन्नस में किया गया है. इस भाव के साथ कि जो चीज हम इस्तेमाल नहीं कर सकते वह किसी और को इस्तेमाल नहीं करने देंगे.

अखिलेश यादव के बंगले में टूट-फूट के निशान सभी जगह मौजूद थे, सारी तस्वीरें देखिए
बैटमिंटन कोर्ट की वुडेन फ्लोरिंग तोड़ दी गई है
(फोटो: क्विंट हिंदी)
ADVERTISEMENTREMOVE AD

सरकार के 42 करोड़ रुपये से सजाया गया था बंगला

अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्री रहते हुए 4, विक्रमादित्य मार्ग पर यह बंगला बनवाया था. उन्हें अपनी हार का अंदाजा था, इसलिए सत्ता में रहते हुए उन्होंने बंगले को सजाने-संवारने के लिए राज्य सम्पत्ति विभाग से दो किस्तों में 42 करोड़ रुपये जारी करवाए थे. मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद अखिलेश इसी बंगले में शिफ्ट हो गए.

अखिलेश यादव के बंगले में टूट-फूट के निशान सभी जगह मौजूद थे, सारी तस्वीरें देखिए
सरकार के 42 करोड़ रुपये से सजाया गया था बंगला
(फोटो: क्विंट हिंदी)

उत्तर प्रदेश में नियम के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला दिया जाता है. नेताओं के बीच इस मसले पर आम सहमति थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सारे तर्क खारिज कर दिये. सारी योजना धरी रह गई और मजबूरी में अखिलेश को यह बंगला खाली करना पड़ा. उन्होंने 2 जून को बंगला तो खाली कर दिया, लेकिन कुछ सामान रखा होने की बात कह कर चाबी राज्य संपत्ति विभाग को नहीं सौंपी. जब अखिलेश के बंगले की चाबी राज्य सम्पत्ति विभाग को सौंपी गई और शनिवार को उसका दरवाजा खोला गया तो हड़कंप मच गया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

राज्य संपत्ति विभाग करेगा रिकवरी

अब खबरें ये भी आ रही हैं कि राज्य संपत्ति विभाग अखिलेश की तरफ से की गई तोड़-फोड़ की रिकवरी करने की तैयारी कर रहा है. राज्य संपत्ति विभाग का कहना है कि उसके पास खर्च किए गए पैसे और लगाए गए सामनों का हिसाब और ब्योरा होता है. उस ब्योरे से मिलान के बाद जो भी कमी पाई जाएगी उसकी अखिलेश यादव से रिकवरी की जाएगी.

अखिलेश यादव के बंगले में टूट-फूट के निशान सभी जगह मौजूद थे, सारी तस्वीरें देखिए
राज्य संपत्ति विभाग करेगा रिकवरी
(फोटो: क्विंट हिंदी)

बीजेपी का अखिलेश यादव पर हमला

इस मामले को लेकर योगी सरकार के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि बंगले से टाइल्स, एसी और जो भी सामानों को निकाला गया है, उसे अखिलेश यादव को नहीं निकालना चाहिए था. इसमें राज्य सरकार के पैसे लगे थे और यह सरकार की संपत्ति है. बंगले में इस तरह तोड़-फोड़ करना और उसमें मौजूद सामानों को साथ ले जाना सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है इसलिए इस मामले की जांच होनी चाहिए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

“अखिलेश यादव को बदनाम करने की साजिश”

उधर अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी बचाव की मुद्रा में है. समाजवादी पार्टी इसके पीछे एक बड़ी साजिश देख रही है. उसके मुताबिक बंगले की चाबी राज्य संपत्ति विभाग को सौंपे जाने के बाद सीएम योगी के आदेश पर उसमें तोड़-फोड़ की गई है. पार्टी का ये भी कहना है कि सरकार सपा नेता की छवि धूमिल करना चाहती है, इसलिए जनता के बीच ऐसी खबरें फैला रही हैं. खुद अखिलेश यादव ने भी योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर बंगले में तोड़-फोड़ हुई है तो सरकार उसकी लिस्ट दे.

अखिलेश यादव के बंगले में टूट-फूट के निशान सभी जगह मौजूद थे, सारी तस्वीरें देखिए
खिलेश यादव और समाजवादी पार्टी बचाव की मुद्रा में है
(फोटो: क्विंट हिंदी)

अखिलेश यादव ने कहा कि उनके द्वारा लगाए गए तमाम पेड़-पौधे अब भी बंगले में लगे हुए हैं जिसमें कदंब का पेड़, देशी चंपा, कटीली चंपा, और हिम चंपा के पेड़ शामिल हैं. उन्होंने प्रदेश के अधिकारियों को भी विवाद खड़ा करने के लिए चेतावनी दी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ये पता चलना चाहिए कि आखिर ये किसने किया?

अखिलेश बंगले के अंदर दीवारों पर बच्चों ने अपनी पेंटिंग बनाई है. यह पेंटिंग उन सभी घरों में नजर आती है जहां बच्चे छोटे होते हैं. इसमें उन्होंने अपना नाम लिखा है… स्मृति, टिम, अर्जुन, रुद्रा और टीना. इनमें 3 बच्चे अखिलेश के और दो उनके भाई प्रतीक यादव के हैं.

अखिलेश यादव के बंगले में टूट-फूट के निशान सभी जगह मौजूद थे, सारी तस्वीरें देखिए
अखिलेश बंगले के अंदर दीवारों पर बच्चों ने अपनी पेंटिंग बनाई है.
(फोटो: क्विंट हिंदी)

इन्हीं दीवारों पर कुछ क्वोट्स भी लिखे दिखाई दे रहे हैं. उनमें से एक है, 'Life is too short to worry about it’. सच में इंसान की जिंदगी बहुत छोटी होती है, लेकिन उसके द्वारा स्थापित मूल्यों की आयु लंबी होती है. हम जीवन की चिंता भले ही न करें, लेकिन यह चिंता जरूर करनी चाहिए कि इस जीवन से हम क्या मूल्य स्थापित कर रहे हैं.

अखिलेश यादव के बंगले में टूट-फूट के निशान सभी जगह मौजूद थे, सारी तस्वीरें देखिए
दीवारों पर लिख दिया गया है- ‘Life is too short to worry about it’.
(फोटो: क्विंट हिंदी)

सार्वजनिक जीवन में रहने वाले लोगों पर यह बात ज्यादा लागू होती है, क्योंकि लाखों करोड़ों लोग उनके दिखाए रास्ते पर चलते हैं. लिहाजा जिसने भी सरकारी संपत्ति का नुकसान किया है, उससे पाई-पाई वसूल की जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई ऐसा करने की हिम्मत नहीं जुटा सके.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×