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उत्तर प्रदेश विधान परिषद (Uttar Pradesh Legislative Council Election) की 36 सीटों पर 9 अप्रैल को मतदान है. एसपी (Samajwadi Party) ने 35 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. वहीं बीजेपी (BJP) ने पहले 30 और दूसरी बार 6 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की. टिकट वितरण में एसपी ने यादव- मुस्लिम तो बीजेपी ने ठाकुर-पिछड़े वर्ग को साधने की कोशिश की है.
विधान परिषद चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा ठाकुर और पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. बीजेपी की पहली लिस्ट में 12 ठाकुर, 9 पिछड़ा वर्ग और 5 ब्राह्मण उम्मीदवार हैं.
बीजेपी की लिस्ट में 4 नाम ऐसे हैं जो पहले एसपी में थे. गोरखपुर-महाराजगंज से सीपी चंद, बलिया से रविशंकर सिंह पप्पू, झांसी-जालौन-ललितपुर से राम निरंजन और बुलंदशहर से नरेंद्र भाटी को मैदान में उतारा गया है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले, नरेंद्र सिंह भाटी, राम निरंजन, रविशंकर सिंह पप्पू, सीपी चंद, घनश्याम लोधी, शैलेंद्र प्रताप सिंह और रमेश मिश्रा सहित कई एसपी एमएलसी बीजेपी में शामिल हो गए थे.
अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव में 'यादव' उम्मीदवारों को बहुत ज्यादा महत्व नहीं दिया, लेकिन विधान परिषद के चुनाव में सबसे ज्यादा उन्हीं पर दांव लगाया है. एसपी की तरफ से 21 यादव और 4 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट मिला है. यादव उम्मीदवारों में बाराबंकी से राजेश कुमार यादव राजू, इलाहाबाद से वासुदेव यादव, जौनपुर से मनोज कुमार यादव, सिद्धार्थनगर से संतोष यादव, गोरखपुर-महराजगंज से रजनीश यादव, झांसी-जालौन-ललितपुर से श्यामसुंदर सिंह यादव, लखनऊ-उन्नाव से सुनील सिंह यादव साजन, फैजाबाद से हीरालाल यादव, आजमगढ़- मऊ से राकेश कुमार यादव, बहराइच से अमर यादव, पीलीभीत- शाहजहांपुर से अमित यादव, प्रतापगढ़ से विजय बहादुर यादव और आगरा-फिरोजाबाद से दिलीप सिंह यादव सहित कई नाम हैं.
एसपी की तरफ से कई ऐसे उम्मीदवार हैं जो अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं. जैसे लखनऊ-उन्नाव सीट से सुनील सिंह साजन, इलाहाबाद से वासुदेव यादव, मथुरा-एटा-मैनपुरी से उदयवीर सिंह, बाराबंकी से राजेश कुमार यादव, बहराइच से अमर यादव, पीलीभीत-शाहजहांपुर सीट से अमित यादव, वाराणसी से उमेश कुमार यादव, आगरा-फिरोजाबाद से दिलीप सिंह यादव, प्रतापगढ़ से विजय बहादुर यादव और गोरखपुर-महाराजगंज से रजनीश यादव को टिकट दिया गया है.
यूपी विधानसभा की 36 सीटें 7 मार्च को खाली हो गईं, जबकि 37 वीं सीट लंबी बीमारी के बाद एसपी से जुड़े नेता अहमद हसन की मृत्यु के बाद खाली हुई. चुनाव आयोग ने पहले 28 जनवरी को चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की थी, लेकिन विधानसभा चुनावों के कारण इसे टालना पड़ा था.
100 सदस्यीय यूपी विधान परिषद में अभी बीजेपी के 35, एसपी 17 और बीएसपी के चार एमएलसी हैं. कांग्रेस, अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी में एक-एक सदस्य हैं. शिक्षक समूह में दो और एक निर्दलीय एमएलसी है.
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