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Delhi: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी का मुद्दा भारत समेत दुनिया के कई दूसरे मुल्कों में भी गरमाया हुआ है. इसी मामले में पहले जर्मनी (Germany) और बाद में अमेरिका (America) ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी. जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के राजनयिकों को तलब किया था. अब इस मामले में अमेरिका ने अपने राजनयिक को बुलाये जाने को लेकर प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका ने भारत के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बैंक अकाउंट फ्रीज किए जाने को लेकर भी बात की है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED ने कथित शराब घोटाले मामले में 21 मार्च को हिरासत में लिया था. इस मामले में अमेरिका ने कहा था, "हम केजरीवाल के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रिया की उम्मीद करते हैं."
वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि दिल्ली के सीएम और विपक्ष पार्टी के नेता केजरीवाल के मामले में निगरानी कर रहे हैं.
केजरीवाल के मुद्दे पर अमेरिका के दखल से नाराज भारत ने 27 मार्च को अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए अमेरिका के कार्यवाहक मिशन उप-प्रमुख ग्लोरिया बर्बेना को तलब किया था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था "भारत की कानूनी प्रक्रियाएं स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित हैं." भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, उस पर आक्षेप लगाना अनुचित है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने आगे कहा "कूटनीति में, राज्यों से दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की अपेक्षा की जाती है. यह जिम्मेदारी तब और बढ़ जाती है, जब दोनों देश लोकतांत्रिक हों. अन्यथा यह खराब मिसाल कायम कर सकता है."
भारत की कड़ी टिप्पणी के बावजूद अमेरिका ने एक बार फिर इस मुद्दे पर अपनी राय जाहिर की है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से 27 मार्च को प्रेस वार्ता के दौरान भारत द्वारा राजनायिक को तलब किए जाने को लेकर सवाल किया गया, तब उन्होंने कहा कि राजनयिकों के बीच क्या बात हुई, उस पर वो टिप्पणी नहीं करेंगे.
उन्होंने आगे कहा ''हम निष्पक्ष पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं. हमें नहीं लगता कि 'किसी को भी' इस बात पर आपत्ति होनी चाहिए.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने आगे अपनी प्रेस वार्ता में कांग्रेस के फ्रीज बैंक अकाउंट की भी बात की. उन्होंने कहा...
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ रहा है. पहले जर्मनी और फिर अमेरिका ने भी इस मामले पर टिप्पणी की है. भारत ने दोनों देशों के राजनयिकों को तलब किया, जिसके बाद जर्मनी के रुख में नरमी आ गई लेकिन अमेरिका अपनी बात पर टिका है. जर्मनी के प्रवक्ता से दोबारा ये सवाल पूछे जाने पर उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा भारत का संविधान बुनियादी स्तर पर स्वतंत्रता की गारंटी देता है. दोनों देशों के अच्छे संबंधों का ही हवाला दिया.
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