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उत्तर प्रदेश का चुनाव पूर्वांचल पहुंच चुका है. छठवें चरण में 3 मार्च को वोट डाले जा रहे हैं.10 जिलों की 57 सीटें हैं, जिसमें योगी आदित्यनाथ सहित कई मंत्रियों, कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू और नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी की सीटें शामिल हैं. मुकाबला इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि बीजेपी से टूटकर जो नेता एसपी में शामिल हुए थे उनकी भी असल परीक्षा इसी फेज में है. ऐसे में दो विधानसभा चुनावों के जरिए समझते हैं कि 57 सीटों पर कौन भारी रहा है? अबकी बार किसे टक्कर मिल रही?
यूपी चुनाव के छठवें चरण में जिन जिलों में मतदान है, उनमें अंबेडकर नगर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया और बलिया हैं.
यूपी के छठवें चरण में जिन 57 सीटों पर मतदान है, उनपर साल 2012 के नतीजे देखें तो बीएसपी को 9 सीट मिली थी. पार्टी ने बस्ती से 2, महाराजगंज से 1, गोरखपुर से 4, कुशीनगर और बलिया से एक-एक सीट पर जीत मिली थी. बीजेपी ने 8 सीट जीती, जिसमें सिद्धार्थनगर और महाराजगंज से एक-एक, गोरखपुर से 3, कुशीनगर, देवरिया और बलिया से एक-एक सीट पर जीत मिली. कांग्रेस को बस्ती, महाराजगंज, कुशीनगर और देवरिया से 5 सीटों पर जीत हासिल की.
छठवें चरण की 57 सीटों पर साल 2017 के नतीजे चौंकाने वाले थे. बीजेपी ने 46 सीटों पर कब्जा कर लिया, जिसमें अंबेडकर नगर से 2, बलरामपुर से 4, बस्ती से 5, गोरखपुर से 8, कुशीनगर से 5, देवरिया से 6, बलिया से 5 सीट है. एसपी देवरिया और बलिया से 2 सीट जीत सकी. बीएसपी को 5 सीटों पर जीत मिली, जिसमें अंबेडकर नगर से 3, गोरखपुर और बलिया से एक एक सीट है.
सुहेलदेव पार्टी ने कुशीनगर से एक सीट पर जीत दर्ज की थी, वहीं अपना दल (एस) ने सिद्धार्थनगर की एक सीट पर जीत हासिल की. कांग्रेस के अजय सिंह लल्लू कुशीनगर से एक सीट जीत सके.
यूपी के जिन 10 जिलों में मतदान है, उनमें बलरामपुर में सबसे ज्यादा 38% मुस्लिम आबादी है. सिद्धार्थनगर में 29%, संत कबीर नगर में 23% और कुशीनगर में 17% मुस्लिम आबादी है. साल 2017 में बीजेपी ने बलरामपुर से 4 सीट जीती थी. वहीं 2012 के चुनाव में चारों सीटों पर एसपी का कब्जा था.
जिन 10 जिलों में मतदान है, उसमें अंबेडकरनगर में सबसे ज्यादा SC वोटर हैं. यहां साल 2012 के चुनाव में सभी 5 सीटों पर एसपी का कब्जा हुआ था. गोरखपुर में भी 22% SC वोटर हैं. लेकिन यहां पर साल 2017 में बीजेपी ने 9 में से 8 सीटों पर कब्जा किया. गोरखपुर की चिल्लूपार सीट बीएसपी के खाते में गई थी. साल 2012 में गोरखपुर की 9 में से 4 सीटों पर बीएसपी का कब्जा हुआ. 3 सीट पर बीजेपी, कांग्रेस और एसपी के खाते में एक-एक सीट आई.
पहले दूसरे चरण में जाट-मुस्लिम, तीसरे और चौथे चरण में किसान और सिख के बाद अब छठवें चरण का चुनाव पिछड़ों की राजनीति करने वाले नेताओं के पाले में है. इस फेज में बीजेपी छोड़कर एसपी में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य. ओपी राजभर और दारा सिंह चौहान जैसे ओबीसी चेहरों की असली परीक्षा है. वहीं बीजेपी की तरफ से अनुप्रिया पटेल और संजय निषाद ने भी पूरी ताकत लगा दी है.
यूपी के छठवें चरण में 676 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिसमें 185(27%) दागी हैं. एसपी के 48, बीजेपी के 52, बीएसपी के 22, कांग्रेस के 22 दागी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में चुनाव अपने आखिरी दो चरणों में पहुंच चुका है. छठवें के बाद आखिरी चरण के लिए 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे. आखिरी के दो चरण बीजेपी और एसपी के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. खास बात ये है कि कई सीटों पर बीएसपी भी चुनौती दे रही है. ऐसे में सभी को इंतजार 10 मार्च का है. तब पता चलेगा कि यूपी की जनता ने किन मुद्दों पर वोट किया.
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Published: 01 Mar 2022,05:52 PM IST