advertisement
बंगाल (West Bengal) के बाद क्या देश में भी 'खेला होबे'? ये सवाल इसलिए क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) चुनाव जीतने के बाद पहली बार दिल्ली में और दिल्ली आने से पहले ही उन्होंने विपक्ष को साथ आने की दावत दी है.
'दीदी ओ दीदी' और 'जय श्रीराम' के नारों के राजनीतिकरण से नाराज ममता बनर्जी इस दौरान पीएम मोदी से भी मुलाकात करने वाली हैं, लेकिन इसी बीच वो विपक्षी पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के साथ भी मुलाकात करेंगी. अब इन मुलाकातों के दो मायने निकाले जा सकते हैं. पहला- बिखरे हुए विपक्ष को एक करना, दूसरा- क्या दीदी की नजर पीएम की कुर्सी पर है.
2019 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों का न थर्ड फ्रंट बना और न ही कांग्रेस के साथ कोई बड़ा गठबंधन हो सका. लेकिन ये पहला मौका है जब ममता बनर्जी खुद सबको साथ आने के लिए कह रही हैं.
1993 में कोलकाता में युवा कांग्रेस की रैली में मारे गए 13 लोगों को याद करने के लिए तृणमूल कांग्रेस हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाती है. इसी शहीद दिवस के दौरान ममता बनर्जी ने 2024 के लोकसभा चुनाव का बिगुल बजाते हुए भाषण में न केवल भगवा पार्टी यानी बीजेपी के खिलाफ चौतरफा हमला किया, बल्कि यह भी संकेत दिया कि तृणमूल राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है.
ममता बनर्जी ने ये भी चेतावनी दी कि बहुत देर हो जाएगी अगर दूसरी बातों पर और समय बर्बाद किया गया.
ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे से पहले कांग्रेस ने भी टीएमसी के लिए सॉफ्ट कॉर्नर दिखाया है. कांग्रेस ने एक ट्वीट के जरिए मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वो ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के खिलाफ जासूसी करवा रहा है. कांग्रेस ने रविवार को ट्विटर पर लिखा कि पीएम मोदी एक कहावत को फॉलो कर रहे हैं, जिसके तहत ये कहा जाता है कि दोस्त और सहयोगी के अलावा ऐसे लोगों पर नजर रखो जो दुश्मन हो.
कांग्रेस के इस ट्वीट के जवाब में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने लिखा- खेला होबे. ऐसे माहौल में कांग्रेस का ट्वीट महत्वपूर्ण है.
वहीं दूसरी ओर राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर, जो टीएमसी के 2021 के चुनाव अभियान के लिए ममता के प्रमुख सलाहकार थे, अब 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले सभी बीजेपी-विरोधी ताकतों को एक साथ लाने की कोशिश में नजर आ रहे हैं. अभी हाल ही में उन्होंने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी के साथ बैठक की थी. ऐसे में ममता और कांग्रेस के बीच में पुल का काम प्रशांत किशोर कर सकते हैं. वो शरद पवार से भी मिल चुके हैं.
ममता बनर्जी दिल्ली दौरे पर पीएम मोदी से भी मुलाकात करेंगी. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा, "मैं दो-तीन दिनों के लिए दिल्ली जाऊंगी. मैं पीएम से मिलूंगी. मेरे पास समय है. मैं राष्ट्रपति से भी मिलूंगी." सीएमओ के सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री के 28 जुलाई को प्रधानमंत्री से मिलने की संभावना है. लेकिन इससे पहले पीएम मोदी से ममता बनर्जी की मुलाकात विवादों में रहा था. मई के महीने में चक्रवात यास से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बंगाल में बैठक हुई थी. जिसमें ममता बनर्जी ने बहुत कम समय के लिए पीएम मोदी से मुलाकात की थी.
इसके अलावा माना जाता है कि बंगाल चुनाव के दौरान पीएम मोदी का ममता बनर्जी को 'दीदी ओ दीदी' कहने से भी ममता नाराज थीं.
अब ये तय है कि अगर 2024 के लिए विपक्ष का महागठबंधन होता है तो ममता इसके मुख्य स्तंभों में से एक होंगी. अब देखना है कि दिल्ली दौरे पर ममता किस किस से मिलती हैं और क्या रणनीति तैयार होती है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined