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पश्चिम बंगाल में कट मनी के खिलाफ लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. बुधवार को दुर्गापुर में लोग कट मनी वापस किए जाने की मांग लेकर सड़कों पर उतर आए. उनका कहना है कि तृणमूल कांग्रेस नेता महावीर सिंह ने सरकारी वेलफेयर स्कीमों का फायदा दिलाने के लिए उनसे कमीशन लिया है. पिछले कुछ दिनों से कट मनी के खिलाफ लोगों के गुस्से के बाद ममता बनर्जी ने कहा था कि सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार करने वाले लोग जेल जाएंगे. इसके बावजूद कट मनी लेने वाले तृणमूल नेताओं के घरों पर हमले हो रहे हैं.
इससे पहले बर्धमान में कट मनी लेने वाले एक तृणमूल नेता की लोगों ने पिटाई कर दी. गांव वालों का कहना है कि तृणमूल नेता अमित सरकार ने उनसे मनरेगा के तहत सौ दिन काम दिलाने और टॉयलेट बनाने के लिए फंड दिलाने का वादा कर कट मनी लिया था. गांव वाले अपना पैसा वापस मांग रहे थे लेकिन जब पैसा नहीं मिला तो उन्होंने सरकार के घर पर हमला कर दिया था. कट मनी को लेकर एक दूसरे मामले में लोग शिकायत करने पुलिस के पास जा पहुंचे. लेकिन इससे नाराज होकर कुछ तृणमूल कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया.
इस बीच, मंगलवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में प्रदर्शन किया. बीजेपी ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता आम लोगों से जो कट मनी लेते हैं उसमें से 75 फीसदी पार्टी फंड में जाता है.
कट मनी के खिलाफ लोगों के गुस्से को देखते हुए ममता ने चेतावनी दी थी कि तृणमूल कांग्रेस के जिन विधायकों, सांसदों और पार्षदों ने सरकार की वेलफेयर स्कीमों के लाभार्थियों से कट मनी वसूली है,उन्हें फौरन वापस करें. ममता ने इसके बाद एक दो मामलों में कार्रवाई भी की. इसके बावजूद कट मनी वसूली के खिलाफ रोज लोगों के प्रदर्शन और आंदोलन हो रहे हैं. किसान से लेकर कारोबारी तक सैकड़ों लोग खुले आम उन तृणमूल नेताओं का नाम ले रहे हैं, जिन्होंने पैसे लिए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पश्चिम बंगाल के कई गांवों किस तरह लोगों से से कट मनी ली जा रही है और कैसे रेट भी तय हैं. जैसे -
लोगों का कहना है कि राज्य सरकार गरीब लोगों के दाह-संस्कार के लिए जो 2000 रुपये जारी करती है, तृणमूल के नेता इसमें भी 200 रुपये कट ले लेते हैं.
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