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पश्चिम बंगाल में ममता सरकार बनाम राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है. एक बार फिर राज्यपाल धनखड़ ने ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी नेताओं से मुलाकात के बाद जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाओं को लेकर टीएमसी और सीएम ममता बनर्जी को घेरा. उन्होंने कहा कि, 17 मई को भारत का संविधान कलंकित हुआ था. जब मुख्यमंत्री सीबीआई दफ्तर में 6 घंटे तक रहीं थीं.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने ममता बनर्जी को निशाने पर लेते हुए उस दिन का जिक्र किया जब सीबीआई ने नारदा घोटाला मामले में टीएमसी नेताओं को गिरफ्तार किया था. उन्होंने कहा कि,
इतना ही नहीं, बीजेपी के उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के टीएमसी में शामिल होने को लेकर भी धनखड़ खूब बरसे. उन्होंने कहा कि, पश्चिम बंगाल में पिछले 10 साल में दल-बदल कानून के तहत कोई कारगर कार्रवाई नहीं हुई. तिलजला और चंदन नगर की घटनाएं, दो सांसदों, विधायकों के साथ क्या हुआ? ये अराजकता है!
राज्यपाल के अलावा टीएमसी से बगावत कर बीजेपी में आए सुवेंदु अधिकारी ने भी दल-बदल कानून का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि,
बता दें कि पश्चिम बंगाल चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए शुवेंदु अधिकारी समेत विपक्ष के 50 विधायकों ने राज्यपाल धनखड़ से मुलाकात की. जिसके बाद धनखड़ ने कहा कि, प्रतिपक्ष के नेताओं ने मुझे एक ज्ञापन दिया है और उस ज्ञापन में उन्होंने पश्चिम बंगाल की भयावह स्थिति का वर्णन किया है और प्रमुख रूप से चार बातों की ओर ध्यान आकर्षित किया है.
पश्चिम बंगाल चुनाव में टीएमसी की रिकॉर्ड जीत के बाद राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा की घटनाएं हुईं थीं. जिन्हें लेकर बीजेपी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ लगातार ममता सरकार पर हमलावर हैं. धनखड़ ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा भी किया. जहां उन्हें लोगों का विरोध भी झेलना पड़ा था.
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Published: 14 Jun 2021,06:07 PM IST