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चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए 26 अक्टूबर को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) को कारण बताओ नोटिस भेजा है. एक दिन पहले कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी जिसके बाद आयोग ने नोटिस जारी किया है.
दरअसल कांग्रेस ने एक दिन पहले हिमंता बिस्वा सरमा समेत कई शिकायतें चुनाव आयोग से की थी, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ भी शिकायत है. बीजेपी ने भी प्रियंका गांधी पर पीएम मोदी के खिलाफ गलत बयानी के लिए शिकायत की थी.
सरमा को दिए गए नोटिस में चुनाव आयोग ने क्या कहा? नोटिस में लिखा है कि चुनाव आयोग को कांग्रेस से शिकायत मिली है कि 19 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के कवर्धा में सरमा के भाषण ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. सांप्रदायिक भाषण और असत्यापित आरोप लगाने के खिलाफ प्रावधानों का हवाला देते हुए, चुनाव आयोग ने कहा कि प्रथम दृष्टया, विचाराधीन भाषण ने एमसीसी (मॉडल कोड ऑफ कन्डक्ट - आचार संहिता) के साथ-साथ जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का उल्लंघन किया है.
सरमा ने भाषण में क्या कहा था? कांग्रेस के अनुसार अपने भाषण में, सरमा ने कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद अकबर के खिलाफ प्रचार करते हुए दावा किया कि, “यदि एक अकबर कहीं आता है, तो वह 100 अकबर को बुलाता है. इसलिए जितनी जल्दी हो सके उन्हें विदा करें, नहीं तो माता कौशल्या की धरती अपवित्र हो जाएगी."
इसके बाद उन्होंने भूपेश बघेल पर आरोप लगाते हुए कहा कि,
प्रियंका गांधी को अपने नोटिस में, चुनाव आयोग ने कहा कि प्रथम दृष्टया, राजस्थान में उनके भाषण ने असत्यापित आरोपों और दूसरों के निजी जीवन की आलोचना के खिलाफ दो एमसीसी प्रावधानों का उल्लंघन किया है, और पूजा स्थलों को चुनाव प्रचार के लिए एक मंच के रूप में उपयोग किया है.
भाषण में प्रियंका गांधी ने क्या कहा था? उन्होंने कहा था कि वह नहीं जानती कि यह सच है या नहीं, लेकिन उन्होंने टीवी पर देखा था कि पीएम ने देवनारायण मंदिर में दान दिया था और छह महीने बाद जब लिफाफा खोला गया तो उसमें 21 रुपये थे.
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