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कांग्रेस-BJP ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया, जानिए एक-दूसरे पर क्या आरोप लगाए?

Congress ने अमित शाह और हिमंता बिस्वा सरमा के खिलाफ और बीजेपी ने प्रियंका गांधी के खिलाफ शिकायत की है.

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5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के पहले राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी बढ़ गयी है. कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है.

कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने 25 अक्टूबर को मुख्य चुनाव आयुक्त (Election Commission of India) और उनके सहयोगी चुनाव आयुक्तों से मुलाकात की. कांग्रेसी नेताओं ने छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), तेलंगाना और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में होने वाले चुनावों के संबंध में कई शिकायतों के साथ 8 ज्ञापन सौंपे हैं.

वहीं बीजेपी ने भी प्रियंका गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की है.

पहले आपको हम कांग्रेस द्वारा दायर 8 ज्ञापन के बारे में बताते हैं.

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पहला: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ शिकायत

शिकायत: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ (राजनांदगांव) में 16/10/2023 को दिए गए चुनावी भाषण के खिलाफ शिकायत.

भाषण: कांग्रेस के अनुसार अपने भाषण में अमित शाह ने दावा किया कि, "...भूपेश बघेल की सरकार ने तुष्टीकरण की राजनीति और वोट बैंक की राजनीति के कारण छत्तीसगढ़ के बेटे भुनेश्वर साहू की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई..." और बाद में उन्होंने यह कहकर वोट मांगा कि, "भारतीय जनता पार्टी ने संकल्प लिया है कि हम भुवनेश्वर साहू को न्याय दिलाएंगे और उनके सम्मान में हम उनके पिता ईश्वर साहू को उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतार रहे हैं."

आरोप: ये बयान और दावे भारतीय दंड संहिता, 1860 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का उल्लंघन करते हुए स्पष्ट और जानबूझकर किए गए कृत्य हैं.

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दूसरा: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के खिलाफ शिकायत

शिकायत: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के छत्तीसगढ़ (कवर्धा) में 18/10/2023 को दिए गए चुनावी भाषण के खिलाफ शिकायत.

भाषण: कांग्रेस के अनुसार अपने भाषण में, सीएम ने कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद अकबर के खिलाफ प्रचार करते हुए दावा किया कि, “यदि एक अकबर कहीं आता है, तो वह 100 अकबर को बुलाता है. इसलिए जितनी जल्दी हो सके उन्हें विदा करें, नहीं तो माता कौशल्या की धरती अपवित्र हो जाएगी."

इसके बाद उन्होंने भूपेश बघेल पर आरोप लगाते हुए कहा कि, "आज छत्तीसगढ़ के आदिवासी, जो हमारे प्रिय हैं. उन्हें दैनिक आधार पर अपना धर्म परिवर्तन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और जब कोई इसके खिलाफ आवाज उठाता है तो भूपेश बघेल जी कहते हैं 'हम सेक्युलर हैं'. क्या हिंदुओं को पीटना आपकी धर्मनिरपेक्षता है? यह देश हिंदुओं का देश है और हिंदुओं का ही रहेगा.' हमें धर्मनिरपेक्षता मत सिखाइए, हमें आपसे धर्मनिरपेक्षता सीखने की जरूरत नहीं है."

आरोप: ये बयान और दावे समाज के वर्गों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काने के लिए उकसाते हैं.

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तीसरा: सेना के राजनीतिकरण का आरोप

शिकायत: बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की उपलब्धियों का प्रचार करवाने के लिए सिविल सेवकों और भारतीय सेना के सैनिकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, इस संबंध में निर्देश देने वाली केंद्र सरकार ने आदेश भी जारी किए हैं.

आरोप: सिविल सेवकों और सेना के जवानों का राजनीतिकरण करने के ये कृत्य आदर्श आचार संहिता और केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 का उल्लंघन करते हैं.

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चौथा: सुरखी (MP) से बीजेपी उम्मीदवार गोविंद सिंह राजपूत को अयोग्य ठहराने की मांग

शिकायत: सागर जिले (मध्य प्रदेश) के सुरखी से बीजेपी उम्मीदवार गोविंद सिंह राजपूत को वर्तमान विधानसभा चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने की मांग.

आरोप: गोविंद सिंह राजपूत ने सार्वजनिक रूप से दावा किया था कि वह उन बूथों के प्रभारियों को 25 लाख रुपये देंगे जहां बीजेपी के लिए सबसे अधिक वोट पड़ेंगे. राजपूत के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज हो चुकी है.

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पांचवां: तेलंगाना सरकार की योजनाओं के लाभ को लेकर 

कांग्रेस के ज्ञापन के अनुसार, तेलंगाना सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं का लाभ या तो नामांकन दाखिल करने की तारीख (03.11.2023) से पहले दे दिया जाए या मतदान के बाद (30.11.2023) दिया जाए.

छटा: तेलंगाना में पुलिस अधिकारियों के गैरकानूनी तबादले और पोस्टिंग

शिकायत: तेलंगाना राज्य में पुलिस अधिकारियों के गैरकानूनी तबादलों और पोस्टिंग

आरोप: चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार पुलिस अधिकारियों के कार्यकाल के ढाई साल पूरे किए बिना स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है.

सांतवां: तेलंगाना में एक खास पार्टी को पसंद करने वाले अधिकारियों की चुनाव में ड्यूटी के खिलाफ शिकायत

शिकायत: तेलंगाना राज्य में कई अधिकारियों की चुनाव में ड्यूटी के खिलाफ शिकायत

आरोप: कई आधिकारियों की जानकारी है जो सार्वजनिक रूप से एक खास राजनीतिक दल का समर्थन करते हैं.

आठवां: सरकारी संस्थानों का इस्तेमाल राजनीतिक गतिविधि के लिए किया जा रहा

आठवें ज्ञापन में कांग्रेस ने आरोप लगया कि मुख्यमंत्री आवास और अन्य सरकारी संस्थानों का इस्तेमाल राजनीतिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है.

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बीजेपी भी पहुंची चुनाव आयोग, प्रियंका गांधी के खिलाफ की शिकायत

बीजेपी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल भी चुनाव आयोग पहुंचा और प्रियंका गांधी के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर गलत बयान देने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग की है.

बीजेपी ने चुनाव आयोग को दिए ज्ञापन में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर राजस्थान के दौसा में 20 अक्टूबर की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देवनारायण के मंदिर में 21 रुपये के दान वाले लिफाफे की खबर का जिक्र कर झूठ फैलाने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया.

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