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टैगोर के नोबेल मेडल चोरी के पीछे TMC का हाथ- बीजेपी नेता

गुरुदेव को उनके काव्य संग्रह गीतांजलि के लिये 1913 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार ने नवाजा गया था.

IANS
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टैगोर के नोबेल मेडल चोरी के पीछे TMC का हाथ- बीजेपी नेता

(फोटो- आईएएनएस)

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गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) की 161वीं जयंती पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व प्रदेश प्रमुख राहुल सिन्हा ने सोमवार को कहा कि गुरुदेव के नोबेल मेडल चोरी के पीछे तृणमूल कांग्रेस का हाथ है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने यह भी आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार ने मेडल चोरी की जांच में केंद्रीय जांच ब्यूरो का साथ भी नहीं दिया।

उन्होंने पत्रकारों से कहा, हाल में, तृणमूल कांग्रेस ने नोबेल मेडल का पता लगाने में सीबीआई की क्षमता पर सवाल उठाये थे। राज्य सरकार ने शुरूआत से ही चोरी की जांच कर रही सीबीआई टीम की राह में रोड़े ही लगाये। यह सत्तारुढ़ पार्टी और राज्य सरकार का नियम बन गया है कि वह स्वतंत्र जांच कर रही केंद्रीय एजेंसियों के लिये बाधा खड़ी करे।

भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधते हुये कहा कि मुख्यमंत्री ने एक बार यह दावा किया कि अगर सीबीआई नोबेल मेडल नहीं ढूंढ पा रही है तो राज्य पुलिस उसे ढूंढ निकालेगी। ऐसा करने के लिये उनका स्वागत है। वास्तव में चोरी की घटना के तार तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हैं। राज्य की सत्तारुढ़ पार्टी हर प्रकार की गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल है।

तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश सचिव और पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने भाजपा नेता के आरोपों को खारिज करते हुये कहा, वह शायद यह भूल गये हैं कि जब नोबेल मेडल चोरी हुआ था या जब इस मामले को सीबीआई ने अपने हाथों में लिया था तब तृणमूल कांग्रेस सत्ता में नहीं थी। यदि राज्य सरकार ने केंद्रीय एजेंसी के साथ सहयोग नहीं किया तो सीबीआई ने इसकी सूचना अदालत को क्यों नहीं दी।

गौरतलब है कि गुरुदेव को उनके काव्य संग्रह गीतांजलि के लिये 1913 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार ने नवाजा गया था। उनका मेडल साल 2004 में राज्य के बीरभूम जिले में स्थित विश्व भारती यूनिवर्सिटी से चोरी हो गया था।

उस वक्त पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे बुद्धदेव भट्टाचार्य ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी लेकिन सीबीआई ने इसकी जांच 2009 में यह कहकर बंद कर दी थी कि उसे जांच से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।

साल 2017 में ममता बनर्जी ने मांग की कि मेडल चोरी का मामला पश्चिम बंगाल की पुलिस को सौंप दिया जाये ताकि इस मामले की नये सिरे से जांच हो सके। कार्मिक विभाग ने लेकिन राज्य के गृह मंत्रालय को बताया कि सीबीआई ने यह केस पश्चिम बंगाल पुलिस को सौंपने से इनकार कर दिया है।

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