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राबड़ी देवी से CBI की 4 घंटे पूछताछ, इससे पहले ED-CBI के 'रडार' पर कौन नेता रहे?

Rabri Devi के यहां हुई छापेमारी को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपमानजनक बताया है.

क्विंट हिंदी
न्यूज
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<div class="paragraphs"><p>राबड़ी देवी समेत मनी लॉन्ड्रिंग केस में विपक्ष के कई नेता पर जांच एजेंसी की नजर</p></div>
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राबड़ी देवी समेत मनी लॉन्ड्रिंग केस में विपक्ष के कई नेता पर जांच एजेंसी की नजर

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में CBI की टीम ने 6 मार्च की सुबह लालू यादव (Lalu Yadav) की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) के आवास पर दस्तक दी और करीब 4 घंटे तक की छानबीन और पूछताछ के बाद टीम आवास से निकली.

इस घटना को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अपमानजनक बताया है. साल 2022 से ही विपक्ष ने लगातार केंद्रीय जांच एजेंसी के दुरुपयोग पर कई मौको पर सवाल उठाया है. हाल में हुए संसद सत्र के दौरान भी यह मामला जोरों से उठाया गया था. इससे पहले भी कई बार विपक्ष केंद्रीय जांच एजेंसी के निशाने पर रहा है.

अभी हाल ही में आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने कथित शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया है, इसके विरोध में देश के 4 मुख्यमंत्री समेत 9 विपक्षी नेताओं ने पीएम को पत्र लिखा. वहीं इससे पहले आप नेता सत्येंद्र जैन को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था.

बता दें कि कुछ दिनों पहले इस कथित घोटाले को लेकर तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता चंद्रशेखर को सीबीआई ने तलब किया था.

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से कथिक खनन घोटाला मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की है. सीएम के करीबियों के यहां ईडी ने छापेमारी की, इस दौरान सोरेन की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था. तब सोरेन ने कहा था कि:

यह और कुछ नहीं बल्कि सरकार को अस्थिर करने की कोशिश है. राज्यपाल भी राजनीति का हिस्सा बन गए हैं. लोकतंत्र की भावना बरकरार रहनी चाहिए. संवैधानिक पद पर बैठे लोग जिम्मेदारी से काम लें. जब से एजेंसी जांच कर रही है, जो आरोप लगे हैं वो कहीं से संभव प्रतीत नहीं होते. कहीं न कहीं एजेंसियों को जांच करने के बाद भी कोई ठोस निर्णय या ठोस आरोप लगाना चाहिए. मैं CM हूं जिस प्रकार से तलब करने की कार्रवाई चल रही है, लग रहा है कि हम देश छोड़कर भागने वाले लोग हैं.
हेमंत सोरेन, सीएम, झारखंड
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शिवसेना (उद्धव ठाकरे) नेता संजय राउत पर पात्रा चॉल घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे थे जिसे लेकर ईडी ने पहले लंबी पूछताछ की थी फिर राउत को आधी रात गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. करीब 100 दिन बाद जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने कहा कि, देश में हाल ही के वर्षों में राजनीतिक द्वेष से जो गिरफ्तारियां केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए की गई हैं उसकी जांच ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को करनी चाहिए. राउत ने कई मौके पर केंद्रीय जांच एजेंसी पर सवाल उठाए हैं.

पिछले साल नेशनल हेराल्ड केस में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर ईडी ने कांग्रेस नेता डीके शिव कुमार को पूछताछ के लिए बुलाया था. वहीं 2019 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में डीके शिवकुमार को ईडी ने कई दिनों तक हिरासत में रखा था. तब उन्होंने कहा था कि, देश में बदले की राजनीति कानून से बड़ी है. उस दौरान दिल्ली में इस हिरासत का युवा कांग्रेस ने जमकर विरोध किया था.

एनसीपी नेता अजित पवार पर भी ईडी का डंडा चल चुका है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी पवार की 65 करोड़ रपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है. यह मामला 2019 का है. तब पवार ने कहा था कि, "जांच कीजिए, लेकिन जांच पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए. ईडी जांच के पीछे का राज, जनता जानती है. हर जांच एजेंसी को जांच करने का अधिकार है, घोटाला दिखाओ और फिर मुझ पर आरोप लगाओ. मुझे बदनाम करने का प्रयास जारी है. इससे पहले भी कई जांच हुई, लेकिन कुछ भी हासिल नहीं हुआ था."

कोयला तस्करी मामले में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से पिछले साल ईडी के अधिकारियों ने करीब सात घंटे तक पूछताछ की. तब उन्होंने केंद्र पर हमला करते हुए कहा था कि, "जहां-जहां बीजेपी की सरकार है, वहां सीबीआई और ईडी के छापे क्यों नहीं पड़ रहे. केवल उन राज्यों में छापे क्यों पड़ रहे हैं, जहां गैर-बीजेपी की सरकारें हैं."

साल 2021 में तमिलनाडु में डीएमके प्रमुख एम के स्टालिन की बेटी के आवास पर आयकर अधिकारियों ने तलाशी ली थी. आयकर अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने तमिलनाडु में मतदान से चार दिन पहले चेन्नई, करूर और कोयम्बटूर में डीएमके के नेतृत्व से संबंधित प्रमुख लोगों के यहां ली गई तलाशी में कर चोरी के दोषी ठहराने वाले सबूत मिले हैं. हालांकि कोई भी नकद जब्ती नहीं की गई.  

स्टालिन ने तब कहा था कि, यह ‘राजनीतिक उद्देश्य’ से प्रेरित है. पार्टी के महासचिव दुरईमुरुगन ने कहा कि "ऐसे समय में जब पार्टी चुनाव प्रचार पूरा करने के चरण में है और मतदान का रास्ता देख रही तो आयकर अधिकारियों ने पार्टी प्रमुख स्टालिन की बेटी सेंथामराई के आवास पर ‘राजनीतिक उद्देश्य’ से तलाशी ली है."

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