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भारत के अरबपति इंवेस्टर राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) समर्थित एयरलाइन Akasa Air को केंद्र सरकार से हरी झंडी मिल गई है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइन को जरूरी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी किया है, जिसके बाद अब वो डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) से एयर ऑपरेटर परमिट के लिए आवेदन करेगी. एयरलाइन को अगले साल उड़ान शुरू करने की उम्मीद है.
अकासा एयर का मालिक कौन है?
देश के बड़े इंवेस्टर झुनझुनवाला ने इंडिगो एयरलाइंस के पूर्व सीईओ आदित्य घोष और जेट एयरवेज के पूर्व सीईओ विनय दुबे के साथ मिलकर अकासा एयर एयरलाइंस की शुरुआत की है.
बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, झुनझुनवाला ने एयरलाइंस में 247.5 करोड़ रुपये इन्वेस्ट किए हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंवेस्टमेंट फंड न्यू होराइजन के फाउंडर, माधव भटकुली ने भी इस एयरलाइंस में पैसा लगाया है.
अकासा एयर कब से उड़ान भरेगी?
अकासा एयर ब्रांड के तहत उड़ान भरने वाली SNV एविएशन ने एक बयान में कहा कि उसे मंत्रालय से "NOC" मिल गया है और 2022 की गर्मियों में पूरे भारत में उड़ानें शुरू होने की उम्मीद है.
एयरलाइंस कौन से विमान उड़ाएगी?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी बोइंग और एयरबस के संपर्क में है.
कंपनी कितनी फ्लाइट्स का संचालन करेगी?
कहा जा रहा है कि कंपनी चार सालों में 70 विमान उड़ाने की तैयारी में है.
भारत के प्रतिस्पर्धी एविएशन मार्केट में अकासा एयर ने अल्ट्रा-लो-कॉस्ट कैरियर (ULCC) मॉडल का पालन करने की योजना बनाई है, जिसमें घरेलू क्षेत्र में इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड की इंडिगो का राज है.
एक ULCC एयरलाइन कम लागत वाले बिजनेस मॉडल के साथ काम करती है और कम लो-कॉस्ट कैरियर (LCC) और फुल-सर्विस कैरियर (FSC) की तुलना में कम यूनिट कॉस्ट और रेवेन्यू होते हैं.
इन एयरलाइनों की ऑपरेटिंग कॉस्ट भी आमतौर पर सस्ती होती है, क्योंकि वो सेकेंड्री एयरपोर्ट से संचालित होती हैं और वितरण लागत कम होती है.
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