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अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों, खासकर बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में इसे लेकर जिस तरह का हिंसक विरोध प्रदर्शन देखा गया, विपक्ष भी इस योजना को वापस लेने का दबाव सरकार पर बना रहा है। इसी बीच मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि यह योजना सरकार को को वापस लेनी चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर मिलने का वक्त दें तो उनके साथ इस पर चर्चा करेंगे।
गवर्नर मलिक ने आईएएनएस से कहा, देश का सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है, अग्निपथ स्कीम पर सरकार को दोबारा विचार करना चाहिए। यह रोजना बहुत शर्मनाक है, युवाओं को नीचा दिखाएगी और इस योजना से युवाओं का कोई लाभ नहीं होने वाला है। इसलिए इस योजना को वापस लिया जाना चाहिए।
सरकार योजना को वापस लेने के लिए मना कर रही है। इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा, सरकार चाहे तो पूरे देश पर रोलर चलवा सकती है। मगर यह योजना गलत है और इसे सरकार को वापस लेना चाहिए।
किसानों के बाद अब अग्निपथ योजना पर आवाज उठा रहे हैं, क्या आप पीएम से मुलाकात करेंगे? इस सवाल पर मालिक ने कहा, मैं इस मसले पर प्रधानमंत्री से जरूर मुलाकात करना चाहूंगा। यदि वह मुझे समय दे दें तो, मैं एक सविधानिक पद पर जरूर हूं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हमने अपनी आत्मा बेच खाई है।
इस योजना पर आप सरकार से क्या मांग करते हैं? इस पर उन्होंने कहा, सरकार से मैं इसे तुरंत वापस लेने की ही मांग करूंगा, क्योंकि पहले सेना के जवान की बहुत इज्जत हुआ करती थी। इस योजना के बाद उन्हें वो रस्पेक्ट नहीं मिलेगी। तीनों सेनाओं के हौसला गिर जाएंगा। सेना का महत्व खत्म हो जाएगा और जवानों का महत्व खत्म हो जाएगा। सबसे बड़ी खामी यह कि यह नौकरी सिर्फ चार वर्षो के लिए है, उसके बाद नौजवान सड़क पर आ जाएगा, शादी तक नहीं होगी।
अग्निपथ योजना भारतीय सशस्त्र बलों से जुड़ी एक ऐसी योजना है, जिसमें साढ़े 17 से 23 साल उम्र तक के नौजवानों को चार साल के लिए अग्निवीर के रूप में भर्ती किया जाएगा। चार साल की अवधि पूरी होने पर ये अग्निवीर एक अनुशासित, गतिशील, प्रेरित और कुशल श्रमशक्ति के रूप में अन्य क्षेत्रों में रोजगार पाने के उद्देश्य से अपनी पसंद के पेशे में अपना करियर बनाने के लिए समाज में वापस लौट आएंगे।
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