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महाराष्ट्र विधानसभा में आज एक ऐसे राज से पर्दा उठते उठते रह गया जिसका जवाब शायद पूरा महाराष्ट्र जानना चाहता है. महाराष्ट्र चुनाव नतीजों के बाद जब एनसीपी-शिवसेना और कांग्रेस की सरकार बनने ही जा रही थी, तभी 23 अक्टूबर 2019 की सुबह 8 बजे देवेंद्र फडणवीस ने सीएम और अजित पवार ने उपमुखमंत्री पद की शपथ ले ली. अजित पवार इस पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठाने ही वाले थे कि फडणवीस ने उन्हें रोक लिया.
बता दें कि अचानक बीजेपी के साथ सरकार बनाने को लेकर अजित पवार पर कई सवाल खड़े हुए थे. भले ही वो बहुमत साबित करने में कामयाब नहीं रहे और फिर से शरद पवार के साथ लौटे, लेकिन उनके फडणवीस से हाथ मिलाने का राज पूरी तरह खुल नहीं पाया. महाराष्ट्र विधानसभा में इस बात पर चर्चा हुई.
महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक चंद्रकांत पाटिल ने मराठा समाज के युवक जो पिछले कई दिनों से अपनी मांग को लेकर आंदोलन पर बैठे हैं, उनका मुद्दा उठाया और अजित पवार से इस मसले पर ठोस निर्णय लेने को कहा. चंद्रकांत पाटिल ने अजित पवार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “अजित पवार को तुरंत निर्णय लेने के लिए जाना जाता है, जैसे कि उन्होंने फडणवीस जी के साथ सुबह-सुबह शपथ ले डाली थी. इसीलिए उनसे उम्मीद है कि मराठा समाज के बच्चे जो आंदोलन कर रहे हैं उनकी मांगों पर भी फैसला तुरंत करें.”
चंद्रकांत पाटिल के सवाल पर अजित पवार ने भी जवाब दिया और कहा कि आंदोलन कर रहे बच्चों की मांग पर सरकार गंभीर है. उन्होंने कहा कि जल्द बैठककर सकारात्मक फैसला लिया जाएगा.
बता दें कि अजित पवार महाराष्ट्र में मौजूदा शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस वाली सरकार में भी डिप्टी सीएम के पद पर हैं. उन्होंने भले ही बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनानी चाही हो, लेकिन वापस लौटकर भी उन्हें वही पद दिया गया, जिसके लिए वो फडणवीस के साथ गए थे.
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