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राजस्थान की सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को शत-प्रतिशत आरक्षण देने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए कानूनी पहलूओं का परीक्षण करवाया जा रहा है. राजस्थान के जनप्रतिनिधियों की तरफ से लगातार इस तरह के आरक्षण की मांग विधानसभा में उठाई जाती रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने 28 जून को राजीव गांधी यूथ एक्सीलेन्स सेंटर के शिलान्यास समारेाह में कहा कि भविष्य में प्रदेश की नौकरियों में राजस्थान (Rajasthan) के युवाओं को ही लाभ मिले, इसके लिए भी उच्च स्तरीय परीक्षण कराया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि अगला राजस्थान बजट युवा केंद्रित रहे. इसके लिए युवा वर्ग देश के विभिन्न राज्यों और विदेशों में संचालित योजनाओं की स्टडी कर सुझाव दें.
गहलोत ने कहा कि ये मैं इसलिए कह रहा हूं कि सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि यह आप कर नहीं सकते हैं. एक दो राज्यों ने फैसला किया है, उसे मैं दिखवा रहा हूं. यह वादा मैं आज आप लोगों से ही कर रहा हूं. मैं खुद चाहता हूं ऐसा काम करें कि आप खुद भी याद करते रहें.
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ युवा विचारों और उनकी भावनाओं के आधार पर ही उज्ज्वल भविष्य के लिए फैसले ले रही है. वर्तमान सरकार द्वारा अभी तक 1.25 लाख नौकरियां दे दी गई हैं. एक लाख प्रक्रियाधीन हैं, और एक लाख नौकरियां देने की घोषणा की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ‘राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस‘ के जरिये खर्च वहन कर प्रदेश के युवाओं को विदेशों की यूनिवर्सिटी, संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करा रही है. मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना में 15 हजार युवाओं को निःशुल्क कोचिंग सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही हैं. प्रदेश के आरक्षित वर्ग के कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए अंबेडकर डीबीटी वाउचर स्कीम शुरू की गई है.
अगर सरकार स्थानीय नौकरी में शत-प्रतिशत आरक्षण देती है, तो ऐसा करने वाला राजस्थान पहला राज्य बन जाएगा. हालांकि, इसे लेकर कानून अड़चन है. लेकिन स्थानीय युवाओं और जनप्रतिनिधियों ने इस मांग को उठाते हुए कहा है कि अन्य राज्यों के अभ्यार्थी प्रदेश के युवाओं का हक मार लेते है. ऐसे में इस तरह के आरक्षण की जरूरत है.
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