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असम में बाढ़ (Assam Flood) ने भारी तबाही मचाई है. बाढ़ से प्रदेश के 29 जिलों में 7 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं मृतकों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. राज्य सरकार की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक बाढ़ के कारण चार और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है. जिसमें से 5 लोगों की मौत भूस्खलन के कारण हुई है.
केंद्रीय जल आयोग (CWC)) के बुलेटिन के अनुसार शनिवार को नागांव जिले के कामपुर और धरमतुल में कोपिली नदी, शिवसागर जिले के नंगलमुराघाट में दिसांग नदी और जोरहाट जिले के नेमाटीघाट में ब्रह्मपुत्र, बराक और कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम जारी है. NDRF, असम राइफल्स और भारतीय सेना के जवान राहत-बचाव कार्यों में जुटे हैं. बाढ़ में फंसे लोगों की मदद को वायुसेना भी लगातार काम कर रही है. एक An-32 विमान, दो Mi-17 हेलीकॉप्टर, एक चिनूक हेलीकॉप्टर और एक ALH ध्रुव को तैनात किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेना, अर्धसैनिक बलों और राष्ट्रीय और राज्य आपदा राहत बलों ने नावों और हेलीकॉप्टरों के जरिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 21,884 लोगों को निकाला है. रिपोर्ट्स के मुताबिक 86,772 लोगों ने 343 राहत शिविरों में शरण ली है जबकि अन्य 411 राहत वितरण केंद्र भी चालू हैं.
ASDMA के आधिकारिक हैंडल पर पोस्ट किए गए एक अन्य वीडियो में एक बुजुर्ग महिला को बचाते हुए देखा जा सकता है.
बाढ़ की वजह से प्रदेश में स्कूल बंद कर दिए हैं. वहीं सरकारी अधिकारी भी लोगों तक मदद पहुंचाने में जुटे हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत-सामग्री पहुंचाई जा रही है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक असम मंत्रिमंडल ने 3000 रुपये की रियायती दर पर गुवाहाटी और सिलचर के बीच उड़ान सेवाएं शुरू करने का फैसला किया है.
असम में आई बाढ़ से किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है. कुल 80,036.90 हेक्टेयर खेती की जमीन तबाह हो गई है. वहीं, असम के 2,251 गांव अभी भी जलमग्न हैं.
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