असम में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. राज्य के करीब 27 जिले के 6 लाख से ज्यादा लोग इससे बुरी तरह से प्रभावित है. 48 हजार से ज्यादा लोगों को 248 राहत शिविरों में शिफ्ट किया जा चुका है. होजाई और काचर बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है. जिससे काचर जिला प्रशासन ने गुरुवार से सभी शैक्षणिक संस्थानों और गैर-जरूरी निजी प्रतिष्ठानों को 48 घंटों के लिए बंद कर दिया है. आदेश आज सुबह 6 बजे से प्रभावी हुआ है. जिला अधिकारी के एक आदेश में यह कहा गया है.
पूर्वोत्तर राज्य असम पिछले कुछ दिनों से मूसलाधार बारिश के बाद भारी बाढ़ की चपेट में है, जिसके बाद नदियों का जल स्तर धीरे-धीरे बढ़ गया है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बुधवार को एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि काचर जिले में 1.19 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई है
रिपोर्ट में बताया गया है कि स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने 135 राहत शिविर और 113 वितरण केंद्र स्थापित किए हैं, जिसमें 6,911 बच्चों और 50 गर्भवती महिलाओं / स्तनपान कराने वाली माताओं सहित 48,304 बाढ़ प्रभावित लोग शरण ले रहे हैं.
बड़े पैमाने पर भूस्खलन और जलभराव ने राज्य के बुनियादी ढांचे, पुलों और सड़कों को भी नष्ट कर दिया है. असम के कुछ हिस्सों में संचार लाइनें भी टूट गई हैं, जिससे बाढ़ प्रभावित और निचले इलाकों में फंसे लोगों को पूरी तरह से अलग कर दिया गया है
असम वन विभाग द्वारा काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व (केएनपीटीआर) और अन्य राष्ट्रीय उद्यानों और राज्य के वन्यजीव अभयारण्यों में जारी बाढ़ के कारण जानवरों को आश्रय प्रदान करने के लिए चालीस से अधिक ऊंचे इलाकों का निर्माण किया गया है
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)