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असम में बाढ़ ने तबाही मचा रखी है, अभी 89 लोगों की मौत हो चुकी हैं और लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.असम के करीब 26 जिलों पर बाढ़ का असर देखा जा सकता है. असम में ब्रह्मपुत्र नदी रौद्र रुप में हैं. करीब-करीब पूरा असम बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ ने सैकड़ों गांवों को अपने चपेट में ले लिया है.
सालों से असम का यही हाल है, सरकार कोई भी हो, लेकिन लोग बाढ़ से हर साल बेहाल हो जाते हैं, लाखों लोगों की जिंदगी थम सी जाती है. कोरोना के प्रकोप के बीच लोग बाढ़ से परेशान हैं, ऐसे में कोरोना को भूल लोग अपनी जान बचाने के लिए कहीं भी शरण लेने को मजबूर है.
असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 90 प्रतिशत से अधिक जमीन और वन क्षेत्र बारिश के पानी से भर गए और डूबने या वाहन की चपेट में आने के कारण अब तक कम से कम 116 जंगली जानवर जान गंवा चुके हैं, जबकि 143 जानवरों को बचाया गया है.
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