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माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) और अशरफ के हाई प्रोफाइल मर्डर की जांच कर रही तीन सदस्यी टीम गुरुवार, 20 अप्रैल को प्रयागराज पहुंची. इस दौरान मोतिलाल नेहरू (काल्विन) अस्पताल के गेट पर क्राइम सीन को फिर से दोहराया गया. मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने पूरे सीन को फिर से तैयार किया. अतीक और शूटरों के बीच की दूरी को फीते से नापा गया.
इस बीच, यह भी देखा गया कि पुलिस की प्रतिक्रिया में कितना समय लगा. इस दौरान अस्पताल के आस-पास भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था. SIT की टीम ने एक-एक सेकेंड का हिसाब-किताब नोट किया है.
दरअसल, अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को काल्विन अस्पताल के गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले की जांच के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में तीन सदस्यी कमेटी गठित की थी. इसमें पूर्व डीजीपी सुबेश कुमार सिंह व पूर्व न्यायमूर्ति बृजेश कुमार सोनी को सदस्य बनाया गया है.
कमेटी के सदस्यों ने गुरुवार को प्रयागराज पहुंचे के बाद जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की. जानकारी के अनुसार, जांच के दौरान आयोग पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ करेगा. कमेटी को पूरी जांच करके दो महीने के भीतर रिपोर्ट सरकार को सौंपनी है. वहीं, अब काल्विन अस्पताल में बिना आईडी कार्ड के मीडियाकर्मियों को एंट्री नहीं दी जा रही है.
अतीक-अशरफ को उमेश पाल हत्याकांड मामले में पुलिस ने रिमांड पर लिया था. हत्या वाले दिन दोनों पुलिस के साथ निशानदेही के लिए गए थे. वापसी में उनका मेडिकल जांच, काल्विन अस्पताल में होना था.
पुलिस दोनों को लेकर जैसे ही अस्पताल पहुंची थी, तो वहां पर दोनों को मीडिया कर्मियों ने घेर लिया और असद के जनाजे को लेकर सवाल पूछने लगे. इस दौरान अरुण मौर्य, लवलेश तिवारी और सनी ने अतीक-अशरफ पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर गोलियों से भून दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी.
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