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अयोध्या में 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे. 3 अगस्त से भूमि पूजन प्रक्रिया शुरू हो रही है. यह प्रक्रिया 3 दिनों तक चलेगी. पांच अगस्त को अयोध्या में होने वाले भूमि पूजन समारोह के लिए निमंत्रण भी दिए जा रहे हैं. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष चंपत राय का कहना है कि आयोजन में भारत के लगभग 36 आध्यात्मिक परंपराओं के 135 संतों को निमंत्रण भेजा गया है. उन्होंने बताया कि करीब पौने दो सौ लोगों को निमंत्रण भेजा गया है.
बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को भी न्योता भेजा गया है उन्होंने इसकी खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि इस दौरान वह प्रधानमंत्री को रामनामी और मानस भी भेट करेंगे.
इकबाल के अलावा फैजाबाद निवासी जिनको पद्म श्री मिला है मोहम्मद शरीफ को भी निमंत्रण भेजा गया है. शरीफ लावारिस शवों का उनके धर्मानुसार अंतिम संस्कार करते हैं.
न्योता मिलने पर इकबाल ने कहा कि यह अयोध्या है यहां के मठ मंदिरों में हमेशा से एकता की फुहार निकलती रही है. मैं हमेशा वहां जाता रहा हूं. इसलिए यह बहुत बड़ा कार्यक्रम होंने जा रहा इसे लेकर मैं बहुत खुष हूं. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए उन्होंने रामचरितमानस और रामनामी खरीद कर लाए हैं. यह अयोध्या की अनमोल धरोहर है.
इकबाल अंसारी ने कहा, "यह धार्मिक नगरी है. यहां गंगा-जमुनी तहजीब कायम है. यहां कण-कण में देवता वास करते हैं. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सभी विवाद खत्म हो गए. देश के संविधान पर सभी मुस्लिमों को भरोसा है. मैं जरूर जाऊंगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रामचरित मानस भेंट करूंगा."
बता दें कि कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की तरफ से भेजे गए इस आमंत्रण पत्र में लिखा है श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमिपूजन और कार्यारम्भ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा होगा. विशिष्ट अतिथि के तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत मौजूद रहेंगे. राम जन्मभूमि मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद होंगे.
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