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'वो बहुत स्ट्रांग थी': बदायूं में फंदे से लटका मिला महिला जज का शव, हत्या का केस दर्ज

UP Badaun Civil Judge Death: ज्योत्सना राय के पिता और भाई ने हत्या की आशंका जताते हुए मामले की गहनता से जांच की मांग की है.

क्विंट हिंदी
राज्य
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<div class="paragraphs"><p>'वो बहुत स्ट्रांग थी':बदायूं जज की मौत मामले में पिता ने दर्ज कराया हत्या का केस</p></div>
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'वो बहुत स्ट्रांग थी':बदायूं जज की मौत मामले में पिता ने दर्ज कराया हत्या का केस

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बदायूं जिले में सिविल जज जूनियर डिवीजन के पद पर तैनात ज्योत्सना राय (27) की मौत के मामले में उनके परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है. ज्योत्सना के पिता ने कोतवाली थाने में आईपीसी की धारा 302 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

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क्या है मामला?

शनिवार (3 फरवरी) को बदायूं पुलिस को सिविल जज ज्योत्सना राय का शव उनके सरकारी आवास में बेडरूम के पंखे से लटका हुआ संदिग्ध अवस्था में मिला था. पुलिस को शव के पास से एक सुसाइड नोट, कुछ दस्तावेज और मोबाइल भी बरामद हुआ था, जिसके आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी थी. ज्योत्सना राय का 29 अप्रैल 2023 को एडिशनल सिविल जज अयोध्या से बदायूं तबादला हुआ था.

जांच करते हुए पुलिस अधिकारी

(फोटो एक्सेस बाय क्विंट हिंदी)

पुलिस को मिला सुसाइड नोट

(फोटो एक्सेस बाय क्विंट हिंदी)

मौके पर मौजूद पुलिस के अधिकारी.

(फोटो एक्सेस बाय क्विंट हिंदी)

जानकारी के अनुसार, कि ज्योत्सना राय का पिछले साल 18 नवंबर को सिविल जज के रूप में प्रमोशन हुआ था. उनकी पहली पोस्टिंग साल 2019 में अयोध्या में हुई थी और वह मूलरूप से मऊ जिले के गांव तराईडीह की निवासी थीं. उनकी अभी शादी भी नहीं हुई थी और वह अपने सरकारी आवास पर अकेले रहती थीं.

IPC की धारा 302 के तहत मामला दर्ज

(स्क्रीनशॉट फ्रॉम एफआईआर)

FIR

(स्क्रीनशॉट फ्रॉम एफआईआर)

वहीं, 3 फरवरी की देर शाम पहुंचे ज्योत्सना के परिजनों ने उनके हत्या की बात कही और अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया.

मौत का कैसा हुआ खुलासा?

बताया जा रहा है कि ज्योत्सना राय ऑफिस हमेशा समय पर पहुंच जाती थी लेकिन 3 फरवरी को जब वह कार्यालय में नहीं पहुंची तो उनके सहायक ने उन्हें फोन किया लेकिन कॉल नहीं उठी, इसके बाद उसने घर पर जाकर देखा तो दरवाजा अंदर से बंद था. सहायक ने तुरंत मामले की सूचना पुलिस को दी और मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मी जब दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे तो राय का शव पंखे से लटका पाया था.

ज्योत्सना राय की पहली पोस्टिंग अयोध्या में हुई थी जिसके बाद दूसरी पोस्टिंग बदायूं में थी.

(स्क्रीनशॉट फ्रॉम वीडियो)

पहले तो पुलिस को सुसाइड से मौत का मामला लगा लेकिन जब बाद में उनके परिजन पहुंचे तो उन्होंने हत्या की बात कही.

ज्योत्सना के पिता अशोक कुमार राय ने मामला दर्ज कराया और कहा कि उनकी बेटी बहुत स्ट्रांग थी और वह कभी ऐसा कदम नहीं उठा सकती थी. जानकारी के अनुसार, पुलिस को जो सुसाइड नोट मिला है, उसमें लिखा है कि "मैं अवसाद में हूं, मेरी मृत्यु का जिम्मेदार कोई नहीं है, मेरा अंतिम संस्कार अयोध्या में सरयू घाट पर करना और मेरे खरगोश का ख्याल रखना."

3 फरवरी को सरकारी आवास पर मिला ज्योत्सना राय का शव.

(स्क्रीनशॉट फ्रॉम वीडियो)

ज्योत्सना के भाई हिमांशु शेखर ने अपनी बहन की मौत पर सवाल उठाए हैं. हिमांशु के मुताबिक, अभी 15 दिन पहले वह अपने पिता को लखनऊ में नई कार खरीद कर आई थी, वो लखनऊ में ही अपने लिए एक प्लॉट लेना चाह रही थी, दो दिन पहले उसने नया सोफा भी खरीदा था. उसे प्रकृति से प्रेम था, वह खरगोश पाला करती थी और उसे बहुत प्यार से रखती थी.

ज्योत्सना के भाई हिमांशु शेखर राय.

(स्क्रीनशॉट फ्रॉम वीडियो)

हिमांशु ने सवाल उठाया और कहा...

"जहां इतने सारे अधिकारी रहते हैं, उस कॉलोनी में एक भी सीसीटीवी नहीं लगा हुआ है, घर का खाली मेन डोर बंद था बाकी अंदर के सारे दरवाजे खुले हुए थे, किचन की तरफ पीछे का एक दरवाजा भी खुला हुआ था."
हिमांशु शेखर राय, ज्योत्सना के भाई

उन्होंने कहा कि पुलिस को मामले की गहनता से जांच करनी चाहिए क्योंकि कई सारी चीजे इसमें संदिग्ध दिखती हैं. हिमांशु ने उस डायरी पर भी सवाल उठाये कि उसके पन्ने फटे हुए थे.

एसएसपी आलोक प्रियदर्शी

(स्क्रीनशॉट फ्रॉम वीडियो)

वहीं, एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि मौके से कुछ डॉक्यूमेंट मिले हैं, जो पुलिस की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं. वहीं, मेडिकल बोर्ड द्वारा शव का पोस्टमार्टम कराने की बात भी सामने आई है. इधर, समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर परिजनों ने सांत्वना व्यक्त की.

(इनपुट: अरविंद सिंह)

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