उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलिया जिले में 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना' के अंतर्गत हो रहे भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ हुआ है. विवाह कार्यक्रम में दुल्हनें खुद को माला पहनाती हुई नजर आईं. इस योजना के अंतर्गत मिलने वाले 51 हजार रूपए के नगद और गिफ्ट के लिए बिना दूल्हे के ही सैकड़ों शादियां कर दी गईं. इसके अलावा कुछ युवकों को दो से तीन हजार रूपए का लालच देकर नकली दूल्हा बनाने का भी आरोप है. अबतक मामले में समाज कल्याण विभाग के दो अधिकारियों समेत 15 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
चलिए जानते हैं पूरा मामला क्या है?
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, सोशल मीडिया पर बालिया जिले का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें शादी के जोड़े में कुछ महिलाएं खुद को वरमाला डालते हुए नजर आईं. वीडियो वायरल होने के बाद जिले में हड़कंप मच गया. जिले के मनियर ब्लॉक में पिछले महीने की 25 जनवरी को 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना' के अंतर्गत 537 जोड़ों की शादी हुई थी.
महिलाओं का खुद को वरमाला डालते और पुरुषों द्वारा अपने चेहरे को छुपा कर शादी कार्यक्रम में बैठे देखा गया.
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और जांच बैठाई गई. कार्यक्रम में हुए फर्जीवाड़े का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि इस पूरे मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. समाज कल्याण विभाग के दो अधिकारियों समेत 15 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है.
190 नवयुगल जोड़े अपात्र, जांच जारी
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत शादी करने वाले जोड़ों को सरकार की तरफ से 51 हजार रूपए का अनुदान दिया जाता है. इसमें 35000 रूपए नगद और 16000 रूपए का खर्च वर-वधु के समान और साज-सज्जा पर जाता है. स्कीम के अंतर्गत ऐसे ही एक सामूहिक विवाह का आयोजन बलिया जिले के मनियर ब्लॉक में 25 जनवरी को हुआ था.
बीजेपी की स्थानीय विधायक, केतकी सिंह कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई थीं.
सरकारी सूत्रों की माने तो अभी तक जांच में 537 में से तकरीबन 190 जोड़ों को फर्जी पाया गया है.
सरकार की तरफ से दिए जाने वाले अनुदान को रोक दिया गया है और कार्यक्रम के दौरान अपात्र नवयुगल जोड़ों को दिए गए गिफ्ट को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
क्विट हिंदी से बातचीत के दौरान बलिया के मुख्य विकास अधिकारी (CDO) ओजस्वी राज ने बताया कि जांच अभी जारी है और भौतिक सत्यापन कर कार्यक्रम में शामिल होने वाले फर्जी जोड़ों की पहचान की जा रही है. इसके लिए जिला प्रशासन की 20 टीमें लगातार जांच में जुटी हुई हैं.
CDO ओजस्वी राज ने बताया कि 25 जनवरी के सामूहिक विवाह कार्यक्रम से पहले और बाद में हुए कार्यक्रमों की भी जांच की जाएगी.
भाड़े पर आए फर्जी दूल्हे
जांच के दौरान यह बात भी निकाल कर सामने आ रही है कि कई नवयुवकों को पैसे का लालच देकर कार्यक्रम में बतौर दूल्हा शामिल किया गया था. शायद यही वजह है कि कार्यक्रम के दौरान लिए गए एक वीडियो में कुछ दूल्हे अपना चेहरा छुपाते हुए दिखाई दिए.
मनियर के स्थानीय निवासी बबलू ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि कुछ युवा सामूहिक विवाह का कार्यक्रम देखने गए थे. वहां कुछ लोगों ने 2-3 युवाओं को लालच देकर उन्हें जबरदस्ती शादी में बैठा दिया.
वधू के सामने नहीं नजर आए वर
भ्रष्टाचार का आलम यह था की वधू के रूप में खड़ी कई महिलाओं के सामने वर नहीं थे और वे खुद ही गले में वरमाला डालते हुए वीडियो में नजर आईं. अधिकारियों की मानें तो सत्यापन के बाद ही भ्रष्टाचार की पूरी तस्वीर साफ हो पाएगी.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ट्वीट कर कहा कि पैसे का लालच देकर युवाओं को फर्जी दूल्हा बनाया जा रहा है.
ये प्रदेश की लड़कियों के साथ धोखा और भावनाओं के साथ खिलवाड़ है. इसकी गंभीरता से जांच की जाए क्योंकि ऐसे फर्जीवाड़े के पीछे युवा नारियों का पूरा जीवन दांव पर लग सकता है. बीजेपी की हर योजना भ्रष्टाचार करने के लिए ही बनती है.अखिलेश यादव, पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
(इनपुट- आदित्य कुमार वर्मा)
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