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बिहार (Bihar) के मद्य निषेध विभाग (Prohibition Department) ने आज 28 फरवरी को एक बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के मुताबिक अब शराब (Alchoal) पीने वाला व्यक्ति अगर शराब बेचने वाले तस्कर का पता बताएगा तो उसे छोड़ दिया जाएगा. बिहार सरकार ने यह फैसला शराब माफियाओं पर नकेल कसने के लिए लिया है. आपको बता दें कि बिहार में शराब पूरी तरह से बैन है लेकिन उसके बावजूद भी बिहार में शराब की बिक्री धड़ल्ले से जारी है.
उत्पाद विभाग के सहायक आयुक्त कृष्ण कुमार ने कहा कि,
उन्होंने बताया कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि यह सोशल ईविल यानी सामाजिक बुराई है. और जो इसके पीछे है उन लोगों को पकड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि ये फैसला तत्काल प्रभाव से लागू किया जाता है.
विपक्षी पार्टी आरजेडी ने बिहार सरकार की इस नीति का विरोध किया है. बिहार आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति सिंह ने कहा कि "यह निर्णय राज्य को खून खराबे की ओर ले जाता दिखेगा" उन्होंने आगे कहा कि "शराबबंदी कानून पर पहले से ही उंगलियां उठ रही हैं सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्णय पर उंगलियां उठाई हैं." राजेडी प्रवक्ता ने कहा कि पहले ही बिहार में अपराध ज्यादा है इस निर्णय से ओर बढ़ेगा, इसको रोकना होगा.
आपको बता दें 26 नवंबर 2015 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि 1 अप्रैल 2016 से राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. नीतीश कुमार ने आधिकारिक तौर पर 5 अप्रैल 2016 को पूर्ण प्रतिबंध की घोषणा की और एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "राज्य में आज से सभी प्रकार की शराब पर प्रतिबंध लगाया जाएगा."
बिहार में तब से शराब पर प्रतिबंध है लेकिन इस प्रतिबंध के बाद भी बिहार में शराब की बिक्री नहीं रुकी. बल्कि यह प्रतिबंध शुरू से ही बिहार सरकार के लिए अलग-अलग मुश्किलें खड़ी कर रहा है. बीते दिनों खबरें थी कि नीतीश सरकार शराब कानून में छूट दे सकती है लेकिन ऐसा हुआ नहीं. उसके बाद आज यह आदेश जारी किया गया है.
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